घटना दुर्भाग्यपूर्ण, मगर कंगना को भी रखना चाहिए संयम : भगवंत मान
मोहाली, 10 जून (हप्र)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज गुरूद्वारा सिंह शहीदां, सोहाना में माथा टेका और राज्य की तरक्की और खुशहाली के लिए अरदास की। पत्रकारों के साथ बातचीत करते मुख्यमंत्री ने कहा कि महान सिख गुरूओं ने हमें ज़ुल्म, अन्याय और ज़ुल्म का डटकर विरोध करने का उपदेश दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने लोकसभा मतदान में बढ़िया प्रदर्शन किया क्योंकि मौजूदा मतदान के दौरान वोट शेयर 2019 में 7 प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत से अधिक हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 की एक सीट के मुकाबले इस बार पार्टी को तीन सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम हुआ है और भाजपा का सफाया हो गया है।
उन्होंने कहा कि अगर कामकाज में कोई कमियां है तो पार्टी उनका निश्चित विश्लेषण करेगी और उनको दूर करेगी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि अब अग्निवीर स्कीम को वापस लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की तरफ से 4 जून के बाद पंजाब सरकार गिरने बारे पूछे जाने पर भगवंत सिंह मान ने कहा कि शाह को पंजाब की चिंता करने की बजाय नयी सरकार में अपना विभाग बरकरार रखने पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंगना रणौत को थप्पड़ उसके पिछले बयानों कारण रोष को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है परन्तु कंगना को भी संयम रखना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के लिए बकाया 91 करोड़ रुपए जारी कर दिए है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अति आधुनिक तकनीकी शिक्षा दी जा रही है, जिस कारण कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जालंधर (पश्चिमी) विधान सभा क्षेत्र के लिए होने वाली उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ राष्ट्रीय पार्टी है, जो उपचुनाव ज़ोरदार ढंग के साथ लड़ेगी और जीत यकीनी बनाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पार्टी यह चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी और विधायक के इस्तीफ़े कारण खाली हुई इस सीट पर जीत दर्ज करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नयी कैबिनेट में चुनाव हारने वाले कई नेताओं को मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के नए राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को चाहिए कि वह राज्य के मामलों विशेषकर केंद्र सरकार के पास फंड रोकने के मुद्दे उठाए ताकि उनको तुरंत जारी करवाया जाए।