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बिहार के बिना भारत का इतिहास अधूरा

11:05 AM Mar 23, 2024 IST
बिहार के बिना भारत का इतिहास अधूरा
गुरुग्राम में भाजपा व व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक नवीन गोयल शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में महात्मा बुद्ध और भारत माता को नमन करते हुये। -हप्र
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गुरुग्राम, 22 मार्च (हप्र)
राजेंद्र प्रसाद फाउंडेशन ने शुक्रवार को सेक्टर-4 के सामुदायिक केंद्र में बिहार दिवस एवं होली मिलन समारोह का आयोजन किया और बिहार में पैदा हुईं उन महान हस्तियों को नमन किया, जिन्होंने देश के विकास में अपनी अहम भूमिका अदा की है। कार्यक्रम में मौजूद भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नवीन गोयल ने बिहार दिवस की भी लोगों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर रिटायर आईपीएस शील मधुर, रिटायर आईएएस पीके शर्मा, भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक पवन यादव, जिला संयोजक दीपक वर्मा, सतेंद्र सिंह, जनार्दन, दलीप कुशवाहा, अजय भारद्वाज, धर्मेंद्र मिश्रा, राजू मौजूद रहे।
नवीन गोयल ने कहा कि गुरुग्राम के विकास में बिहार के लोगों का अहम योगदान है। बिहार का समृद्ध इतिहास है, जो 20वीं सदी की शुरुआत से है। यह 22 मार्च 1912 को उस समय अस्तित्व में आया था, जब ब्रिटिश राज ने बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग राज्य के रूप में बनाया था। इतने बड़े क्षेत्र पर शासन करने में अंग्रेजों के सामने आने वाली प्रशासनिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि बिहार ने राष्ट्र को देशरत्न, लोकनायक, जननायक, राष्ट्रकवि क्या कुछ नहीं दिया। बिहारियों ने देश बसाए हैं। अपने पसीने से देश संवार रहे हैं। कोई कोना नहीं, जिसे बिहार के लोगों ने सींचा न हो। भारत का इतिहास जहां से प्रारंभ होता है और वर्तमान जहां खड़ा है, उसके पन्ने बिहार के निवासियों के योगदान के बिना अधूरे हैं। बिहार की पहली राजधानी पटना थी, जो बंगाल प्रेसीडेंसी की भी राजधानी थी। बिहार के गठन की शताब्दी को चिह्नित करने के लिए 2010 में पहला बिहार स्थापना दिवस मनाया गया था।

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