हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार पर लगाए दोषियों को बचाने के आरोप
शिमला, 25 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर गोविंद सागर झील में अवैध डंपिंग करवाने के दोषियों को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है। कोर्ट ने वन विभाग की स्टेटस रिपोर्ट को नकारते हुए 50 हजार रुपए की कॉस्ट के साथ ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए।
कोर्ट ने अवैध डंपिंग को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे और मुख्य सचिव को कार्रवाई की निगरानी करने के आदेश देते हुए स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कानून का उल्लंघन कर डंपिंग करवाने वाले दोषी वन कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इसे अंजाम तक ले जाने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव की होगी। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने फोरलेन विस्थापित और प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल द्वारा दायर जनहित में दायर याचिका पर ये आदेश पारित किए थे। स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि सरकार ने दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने के पीछे के कारण बताने की बजाय केवल कुछ विभागीय कार्रवाई की बात बताई।