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सभी के घर पहुंचेगी सरकार, बन रही लाभार्थियों की लिस्ट

08:32 AM Aug 07, 2024 IST

चंडीगढ़, 6 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उन सभी लाभार्थियों के घर तक पहुंचेगी, जिन्हें केंद्र, राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अलग-अलग योजनाओं से जुड़े गांवों व शहरों के लाभार्थियों की पूरी लिस्ट तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं, इन परिवारों को दी जा रही सुविधाओं के साथ-साथ सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की प्लानिंग को लेकर एक पूरा फोल्डर तैयार किया जा रहा है। यह फोल्डर सभी लाभार्थी परिवारों के घरों तक पहुंचा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि जिन परिवारों को पिछले 10 वर्षों में केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है, वे चुनाव में बड़ा वोट बैंक हो सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट द्वारा यह डॉटा कम्पाइल किया जा रहा है। विभिन्न विभागों से योजनाओं व इससे जुड़े लाभार्थियों का रिकार्ड पहले ही लिया जा चुका है। प्रदेश के सभी गांवों व शहरों के लाभार्थियों की लिस्ट के हिसाब से फोल्डर बन रहे हैं। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत राज्य के 19 लाख के लगभग किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिल रही है। केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में भी लाखों परिवार कवर हुए हैं। राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया है।

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पेंशनधारी भी लाभार्थियों की सूची में शामिल
सरकार ने पेंशन योजना में शामिल बुजुर्गों, विधवाओं, बेसहारा महिलाओं, दिव्यांगों, अविवाहित पुरुषों व विधुरों को भी लाभार्थियों की सूची में शामिल किया है। इन सभी के घर भी उन्हें दिए जा रहे लाभ के साथ सरकार की योजनाओं के बारे में फोल्डर भेजे जाएंगे। परिवार पहचान-पत्र में दर्ज डाटा के हिसाब से सरकार अति गरीब परिवारों को मुख्य धारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू कर चुकी है। इसके तहत ऐसे परिवारों को स्वरोजगार के लिए बैंकों से लोन भी मुहैया करवाया जा रहा है।
बीपीएल के लिए भी बदले नियम
बीपीएल के लिए भी राज्य सरकार ने नियम बदले हैं। पहले 1 लाख 20 हजार रुपये सालाना आय वाले परिवार ही बीपीएल माने जाते थे। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री रहते हुए ही सरकार ने तय कर दिया था कि 1 लाख 80 हजार रुपये तक सालाना आय वाले सभी परिवारों को बीपीएल माना जाएगा। ऐसे में राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर 35 लाख रुपये से भी अधिक हो चुकी है।

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