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भारत भाग्य विधाता का मंगल

06:20 AM Jun 04, 2024 IST
श्रीनगर में मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को चुनाव सामग्री जांचते सुरक्षा अिधकारी। कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। -प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 3 जून (एजेंसी)
मंगलवार सुबह 8 बजे लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना की शुरुआत होने के साथ ही धीरे-धीरे रुझान सामने आने लगेंगे। अपराह्न होते-होते यह लगभग स्पष्ट हो जाएगा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के रिकाॅर्ड की बराबरी कर लेंगे या चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे, जिसकी उम्मीद विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन कर रहा है। ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ कह रहे हैं कि इन चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का पलड़ा भारी है। विशेषज्ञों का यह भी मानना रहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए दांव पर यही है कि उसकी जीत कैसी होती है और किन-किन नये क्षेत्रों में वह अपने पैर पसार पाता है। वहीं, विपक्ष के लिए इस चुनाव में सब कुछ दांव पर लगा हुआ है।
ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ के पूर्वानुमानों में राजग गठबंधन को 400 पार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के करीब दिखाया गया है। वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए 180 सीटों के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया है कि 543 सदस्यीय लोकसभा में उनके गठबंधन को 295 सीटें मिलेंगी।
हरियाणा : मनोहर, दीपेंद्र सहित कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला
चंडीगढ़, 3 जून (ट्रिन्यू)
इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो रही हैं। मंगलवार को सुबह 11-12 बजे तक मोटे तौर पर ये रुझान सामने आ जाएंगे कि हरियाणा में किस पार्टी का पलड़ा भारी है। राज्य में लोकसभा की सभी दस सीटों और करनाल विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए 25 मई को मतदान हुआ था। नौ दिनों के इंतजार के बाद अब मंगलवार को चुनावी परिणाम घोषित होंगे। पूर्व सीएम मनोहर लाल खुद चुनावी रण में हैं। वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से चुनाव लड़ रहे हैं। आठ संसदीय सीटों पर हुड्डा की पसंद से कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे। लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर सितंबर-अक्तूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनाव पर पड़ेगा। लोकसभा चुनावों को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भाजपा की तरह ही इस बार कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों के चयन में सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाया था। ऐसे में प्रदेश में लोकसभा चुनाव दिलचस्प हुए। कई सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली। जिस तरह का चुनाव हरियाणा में हुआ है, उससे यह स्पष्ट है कि 2019 की तरह इस बार हार-जीत का मार्जन बहुत अधिक नहीं रहेगा।
उत्तराखंड : भाजपा की हैट्रिक या कांग्रेस लगाएगी सेंध!
देहरादून (एजेंसी) : उत्तराखंड में लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या सत्ताधारी भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी या कांग्रेस इस बार सेंध लगाने में सफल हो जाएगी। उत्तराखंड में लोकसभा क्षेत्रों— हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ था। भाजपा ने तीन सीटों पर पुराने चेहरों को ही तरजीह दी, जबकि दो सीटों पर नये उम्मीदवारों पर दांव लगाया। यह देखना रोचक होगा कि हरिद्वार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की जगह मैदान में उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पौड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जगह टिकट पाने में सफल रहे अनिल बलूनी का परिणाम कैसा रहता है।
चंडीगढ़ : टंडन और तिवारी में मुकाबला
चंडीगढ़ : शहर की लोकसभा सीट के लिए मंगलवार को सेक्टर-26 स्थित चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में होने वाली मतगणना के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा के संजय टंडन और कांग्रेस के मनीष तिवारी के बीच है।
पंजाब : प्रणीत, हरसिमरत, वड़िंग समेत कई नेताओं पर नजर
चंडीगढ़ (एजेंसी) : पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस, आप, भाजपा और शिअद के बीच मुकाबला है। पटियाला से भाजपा उम्मीदवार प्रणीत कौर, कांग्रेस के धर्मवीर गांधी, आप के मंत्री बलबीर सिंह के साथ टक्कर में हैं। हरसिमरत कौर बादल भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू से बठिंडा सीट पर कड़े मुकाबले में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी और भाजपा प्रत्याशी सुशील रिंकू जालंधर (सुरक्षित) सीट से मैदान में हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना से किस्मत आजमा रहे हैं। पूर्व राजनयिक व भाजपा उम्मीदवार तरणजीत सिंह संधू, सांसद एवं कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला अमृतसर से मैदान में हैं। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है। आप के 13 उम्मीदवारों में पांच कैबिनेट मंत्री भी मैदान में हैं।
दिल्ली में बदलेगी तस्वीर!
2019 में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें जीती भाजपा के सामने कांग्रेस और आप मिलकर मैदान में उतरी हैं। नयी दिल्ली सीट से भाजपा ने दो बार की सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को मौका दिया है। आप ने मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती को मैदान में उतारा है।

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