बेटी की लाश गोद में लेकर भटकता रहा पिता, किसी ने नहीं दी फ्री एंबुलेंस की जानकारी
शव ले जाने को नहीं माने ऑटो चालक, बुलाना पड़ा जानकार थ्री व्हीलर चालक
फरीदाबाद, 25 जुलाई (हप्र)
सरकारी अस्पताल बादशाह खान में एक पिता अपनी 7 साल की बच्ची के शव को गोद में लेकर भटकता रहा। वह अस्पताल के गेट पर शव लेकर खड़ा रहा, लेकिन किसी भी स्टाफ सदस्य ने उसे ये नहीं बताया कि अस्पताल से शव को ले जाने के लिए वहां फ्री एंबुलेंस उपलब्ध है।
यही नहीं, कोई भी ऑटो वाला बच्ची के शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। व्यक्ति बेटी के शव को उठाकर इधर-उधर घूमता रहा। बाद में जानकार के ऑटो में शव को घर ले गया।
पीड़ित पंकज मंडल ने बताया कि वह मूल रूप से झारखंड के गोडा जिले का रहने वाला है। एक साल से फरीदाबाद के पटेल चौक के पास किराए के मकान में पत्नी और चार बच्चों (एक बेटी और 3 बेटों) के साथ रह रहा है। बुधवार सुबह 3 बजे बेटी शबनम को उल्टी दस्त की शिकायत हुई। इसके बाद वह पास के ही एक बंगाली डॉक्टर के पास उसे ले गए थे। वहां डॉक्टर ने बेटी को इंजेक्शन और दवाई दी। लेकिन दवाइयों से उनकी बेटी को बिल्कुल आराम नहीं हुआ। पंकज ने बताया की बंगाली डॉक्टर ने उनकी बेटी को खाली पेट ही इंजेक्शन लगाया था। इसके चलते उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ने लगी थी। शाम होते-होते उनकी बेटी शबनम की हालत और खराब होती चली गई।
इसके बाद शबनम को वह शाम को लगभग 7.30 बजे बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उनकी बेटी को देखते ही मृत घोषित कर दिया। हालांकि इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने उनकी बेटी की मृत्यु के बाद एक फॉर्म भरकर उन्हें दिया, लेकिन किसी ने उन्हें जानकारी नहीं दी कि अस्पताल से उन्हें शव ले जाने के लिए घर तक फ्री में एंबुलेंस मुहैया कराई जाती है।
उचित कार्रवाई करेंगे : डॉक्टर
अस्पताल के पीएमओ का पदभार संभाल रहे डॉक्टर विकास गोयल ने माना कि अस्पताल के स्टाफ को मृतक बच्ची के परिजनों को फ्री शव वाहन (एम्बुलेंस) मिलने की जानकारी दी जानी चाहिए थी। वह इस मामले में जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।