संस्थाओं ने गोद लिये तो बदल गई जींद में पार्कों की सूरत
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 1 अप्रैल
शहर के पार्कों को रख-रखाव की खातिर गोद दिए जाने की नीति जींद में खूब रंग लायी है। इस नीति के लागू होने के बाद जींद शहर में पार्कों की सूरत पूरी तरह से बदल गई है। जो पार्क पहले सुविधा की जगह असुविधा और परेशानी बने हुए थे, आज वही पार्क फिर लोगों के लिए सुविधा बन गये हैं। इन अच्छे नतीजे के बाद अब जींद नगर परिषद प्रशासन शहर के 15 बचे हुए पार्कों को भी संस्थाओं को गोद देने जा रही है।
पिछले साल प्रदेश सरकार ने शहरों में पार्कों की बदहाली से उबारने के लिए पार्कों को रख-रखाव की खातिर गोद देने की नीति बनाई थी। इस नीति के तहत 2 लाख से ज्यादा की आबादी वाले जींद शहर में किस 82 में से 62 पार्कों को नगर परिषद प्रशासन ने विभिन्न संस्थाओं को गोद दिया था। इसके बाद एक साल से भी कम समय में शहर के पार्कों की सूरत पूरी तरह से बदल गई है। अर्बन एस्टेट कॉलोनी की बात की जाए, तो सबसे ज्यादा पार्क इसी कॉलोनी में हैं। पार्कों को गोद दिए जाने से पहले इनमें गंदा पानी भरा रहता था। जंगली घास में जहरीले जानवर पलते रहते थे, जो लोगों के लिए खतरा बने रहते थे। यह पार्क लोगों के लिए सुविधा की जगह असुविधा बने हुए थे। इसी तरह गांधीनगर कॉलोनी के पार्क भी बुरी हालत में थे। डीसी कॉलोनी की गोहाना रोड के साथ की पार्क भी बहुत बदहाल थी, जबकि इसके साथ डीसी से लेकर एडीसी जैसे प्रशासनिक अधिकारियों और जिला एवं सत्र न्यायाधीश और दूसरे न्यायिक अधिकारियों के आवास हैं।
गोद दिए गए 62 पार्क में से 57 का हो गया कायाकल्प
नगर परिषद प्रशासन ने शहर के जिन 62 पार्कों को विभिन्न संस्थाओं को पिछले साल रखरखाव खातिर गोद दिया था, उनमें से 57 का पूरी तरह से कायाकल्प हो गया है। इन पार्कों में अब शानदार लॉन हैं और मन लुभाने वाले फूल खिले रहते हैं। गोहाना रोड पर डीसी कॉलोनी की पार्क को टीम जींद सुधार संगठन ने गोद लिया हुआ है। इस संस्था ने पार्क की सूरत पूरी तरह से बदलकर रख दी है। इसी तरह गांधीनगर कॉलोनी में भी कई पार्कों को संस्थाओं ने बेहतरीन पार्क में विकसित कर दिया है। इस नीति के तहत गोद दिए गए 62 पार्कों में से 5 पार्क ऐसे हैं, जो विभिन्न कारणों से सरेंडर हो गए हैं। इनमें सबसे प्रमुख पार्क अर्बन एस्टेट कॉलोनी में साइबर पुलिस थाना के सामने की मॉडल पार्क है। इस पार्क को जिस संस्था ने गोद लिया था, उसे कुछ लोगों ने अपनी चौधर के चक्कर में ढंग से काम नहीं करने दिया। इस कारण संस्था ने पार्क वापस नगर परिषद को सरेंडर कर दी।
बाकी बचे 20 में से 15 पार्क को जल्द गोद देगी नगर परिषद
जींद नगर परिषद के पास अब शहर में 20 पार्क ऐसे बचे हैं, जो किसी संस्था को अभी तक गोद नहीं दिए गए हैं। इनमें 5 पार्क ऐसे हैं, जिनमें बाउंड्री वॉल आदि की समस्या है। बाकी 15 पार्कों को जल्द नगर परिषद प्रशासन संस्थाओं को गोद देगी। जो 5 पार्क अभी तक गोद देने की स्थिति में नहीं हैं, उनमें भी चारदीवारी आदि के निर्माण का काम जल्द शुरू करवाकर इन्हें भी गोद दिया जाएगा। नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता सतीश कुमार गर्ग के अनुसार पार्कों को गोद देने की नीति के बहुत अच्छे नतीजे जींद में सामने आए हैं। इस नीति से शहर की पार्कों की स्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है। पार्कों के रख-रखाव के लिए संस्थाओं को हर महीने लगभग 10 लाख की राशि का भुगतान नगर परिषद द्वारा किया जा रहा है।