देश की सबसे अमीर महिला ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें
मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से हिसाब चुकता करने का इरादा
ग्राउंड जीरो
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
हिसार, 29 सितंबर
स्टील सिटी। जी हां, हिसार को इस नाम से भी जाना जाता है। जिंदल परिवार के अलावा और भी कई बड़ी कंपनियों के यहां स्टील के कारखाने हैं। देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल इस बार हिसार विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। उनके चुनावी मैदान में आने से यह प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन गई है। पहले भी दो बार हिसार से विधायक रह चुकीं सावित्री जिंदल ने इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए हैं।
पूर्व की हुड्डा सरकार में मंत्री रह चुकीं सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल वर्तमान में कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से भाजपा के सांसद हैं। विधानसभा चुनाव के लिए सावित्री जिंदल हिसार से भाजपा के टिकट की दावेदार थीं। टिकट नहीं मिला तो उन्होंने उसी दिन निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। यहां से दो बार के विधायक व नायब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता पहले ही एंटी-इन्कमबेंसी का सामना कर रहे थे। सावित्री जिंदल के मैदान में आने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।
2014 में डॉ. कमल गुप्ता ने ही पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा के सहयोग से सावित्री जिंदल को चुनाव में हराया था। कमल गुप्ता पर भाजपा ने फिर से भरोसा जताया है, लेकिन सुभाष चंद्रा उनका हाथ छोड़ चुके हैं। सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए इसलिए भी मैदान में उतरी हैं, क्योंकि वे कमल गुप्ता से अपनी हार का हिसाब-किताब चुकता करना चाहती हैं। उनके स्वर्गीय पति व मंत्री रहे ओमप्रकाश जिंदल का हिसार में बड़ा प्रभाव है। जिंदल परिवार के पास यहां खुद का बड़ा वोट बैंक है।
वहीं, कांग्रेस के टिकट पर रामनिवास राड़ा हिसार से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछड़ा वर्ग के रामनिवास को पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा की सिफारिश पर टिकट मिला है। सैलजा उनके लिए प्रचार भी कर रही हैं।
हिसार नगर निगम के मेयर रहे गौतम सरदाना भी भाजपा का टिकट मांग रहे थे। उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे बागी हो गए और आजाद प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी। गौतम सरदाना पंजाबी हैं और वे भी भाजपा को तगड़ा नुकसान हिसार सीट पर पहुंचाते दिख रहे हैं। बहरहाल, इस सीट पर हर किसी की नजर है।