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933 करोड़ में पड़ी ‘आप’ की कीमत

07:22 AM Aug 14, 2024 IST
लुधियाना में आम आदमी क्लीनिक। - अश्वनी धीमान

नितिन जैन/ट्रिन्यू
लुधियाना, 13 अगस्त
एक मशहूर कहावत है, ‘नाम में क्या रखा है?’ लेकिन पंजाब में नाम का हिसाब है, ‘दो साल में 933 करोड़ का नुकसान।’ असल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) को आम आदमी क्लीनिक (एएसी) के रूप में ब्रांडिंग करने के कारण पंजाब को पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) अनुदान से वंचित होना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य मद में केंद्र से मिलने वाले अनुदान का 80 प्रतिशत गंवाने वाली राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के लिए अब तक कुल आवंटन का महज 3.74 प्रतिशत ही प्राप्त हुआ है। इस मुद्दे पर मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्रिब्यून से कहा, ‘हम केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकाल लिया जाएगा।’
दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्रों का नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पूर्व में आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र) रखा जाना चाहिए था, लेकिन पंजाब ने इन्हें एएसी नाम दिया। क्लीनिकों पर मुख्यमंत्री मान की बड़ी तस्वीरें प्रमुखता से लगाई गई हैं। दिशा-निर्देशों की अवहेलना के संबंध में पिछले दिनों एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह को बताया। इस मामले में बताया गया कि पंजाब ने अन्य जरूरी नियमों का भी पालन नहीं किया। पंजाब ने पिछले दो सालों में 933.16 करोड़ रुपये गंवाये। पिछले वित्त वर्ष में 457.9 करोड़ रुपये के मुकाबले राज्य को सिर्फ 91.49 करोड़ रुपये मिले।
वर्ष 2024-25 के लिए 588.8 करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से अभी तक पंजाब को सिर्फ 22.05 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। दिशा-निर्देशों के मुताबिक ‘केंद्र प्रायोजित योजना’ स्वास्थ्य केंद्रों पर लिखा जाना जरूरी है। साथ ही लोगो और रंग एवं समय-समय पर जारी अन्य बातों का उल्लेख भी किए जाने का
प्रावधान है।

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