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Punjab cabinet meeting: कैबिनेट ने लगाई कई अहम फैसलों पर मोहर, विधानसभा सत्र 2 सितंबर से

06:58 PM Aug 14, 2024 IST
punjab cabinet meeting  कैबिनेट ने लगाई कई अहम फैसलों पर मोहर  विधानसभा सत्र 2 सितंबर से

चंडीगढ़, 14 अगस्त (ट्रिन्यू)

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Punjab cabinet meeting:  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में बुधवार को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने 16वीं पंजाब विधानसभा का सातवां सत्र 2 से 4 सितंबर तक बुलाने की स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में निर्णय सीएम आवास पर हुई कैबिनेट में लिया गया।

विधानसभा सत्र की शुरुआत 2 सितंबर को दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने से होगी और बाकी तीन दिनों के कार्यों का निर्णय बिजनेस एडवाइजरी कमेटी द्वारा शीघ्र ही किया जाएगा।

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एनओसी की शर्त को सैद्धांतिक रूप से समाप्त करने को हरी झंडी

मंत्रिमंडल ने जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रेशन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की शर्त को सैद्धांतिक रूप से समाप्त करने की मंजूरी दी। इस मामले को जल्द होने वाली अगली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। इस फैसले का एकमात्र उद्देश्य आम जनता को सुविधा देना है क्योंकि अवैध कॉलोनाइज़र हरे-भरे सपने दिखाकर लोगों को लूटते हैं और बिना अनुमति वाली कॉलोनियां बेच देते हैं। बाद में इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

पंजाब फायर सेफ्टी और इमरजेंसी सेवाएं विधेयक, 2024 को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने पंजाब फायर सेफ्टी और इमरजेंसी सेवाएं विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दे दी। 2012 के बने इस अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता थी क्योंकि यह अधिनियम वर्तमान संदर्भ में अग्निशमन संबंधी कार्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं था। इस प्रस्तावित विधेयक के कानून बनने के बाद पंजाब में इमारतों के मालिकों और कब्जाधारकों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें वार्षिक फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र की जगह अब तीन साल बाद प्रमाणपत्र लेना होगा।

इस संबंध में मामलों को इमारतों की कम, मध्यम और उच्च जोखिम वाली श्रेणियों के अनुसार विभाजित किया जाएगा। इस विधेयक में आग के जोखिम और अन्य खतरों के खिलाफ लोगों के बीमा का भी प्रस्ताव होगा। यह विधेयक अग्निशमन विभाग के कार्यों में अधिक दक्षता लाएगा और पंजाब में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर तरीके से अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने में सहायक होगा।

सात ग्राम न्यायालयों में 49 पदों का सृजन

कैबिनेट ने सात ग्राम न्यायालयों पांतड़ा (पटियाला), तपा (बरनाला), बसी पठाना (फतेहगढ़ साहिब), डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर), धार कलां (पठानकोट), रायकोट (लुधियाना) और चमकौर साहिब (रूपनगर) के लिए 49 पदों का सृजन करने की भी मंजूरी दी। इन ग्राम न्यायालयों की स्थापना का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक की न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना है। नए स्थापित होने वाले ग्राम न्यायालय लोगों को घरों के पास किफायती दरों पर न्याय सुनिश्चित करने के साथ-साथ अदालतों के काम के बोझ को भी कम करेंगे।

पंजाब में पंजीकृत पर्यटक वाहनों पर मोटर वाहन कर में कमी

मंत्रिमंडल ने पंजाब में पंजीकृत पर्यटक वाहनों पर मोटर वाहन कर में भी कमी कर दी। पड़ोसी राज्यों की तुलना में पंजाब में पंजीकृत वाहनों पर पहले काफी अधिक कर लगता था, जिसके कारण पंजाब में पर्यटक वाहनों का पंजीकरण बहुत कम होता था, लेकिन अब इस कदम से इस रुझान में कमी आएगी और राज्य का राजस्व बढ़ेगा। कैबिनेट ने लग्जरी वाहनों की एक और श्रेणी पर अतिरिक्त सड़क कर लगाने की भी मंजूरी दी, जिससे 87.03 करोड़ रुपये की अधिक आय होगी। कैबिनेट ने पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए पंजाब में पंजीकृत पुराने परिवहन/गैर-परिवहन वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का भी फैसला किया है।

पंजाब पार्टनरशिप (रजिस्ट्रेशन ऑफ फर्मज) नियम, 1932 में संशोधन को मंजूरी

कैबिनेट ने पंजाब सरकार के गजट में 12 जुलाई 2022 को प्रकाशित इंडियन पार्टनरशिप एक्ट (पंजाब संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत 1932 के अधिनियम में किए गए संशोधनों की तर्ज पर भारतीय पार्टनरशिप अधिनियम, 1932 की धारा 71(1) के तहत अनुसूची-1 में शामिल सेवाओं के लिए संशोधित शुल्क लागू करने के लिए पंजाब पार्टनरशिप (रजिस्ट्रेशन ऑफ फर्मज) नियम, 1932 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। पंजाब पार्टनरशिप (रजिस्ट्रेशन ऑफ फर्मज) नियम 1932 के नियम 11(ए) में ये संशोधन पंजाब में संशोधित शुल्क लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

युवक सेवाएं नीति 2024 को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने युवक सेवाएं विभाग द्वारा युवाओं की भलाई के लिए तैयार की गई युवक सेवाएं नीति-2024 को हरी झंडी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य जहां युवाओं को नशे से दूर रखना है, वहीं उनकी अथाह ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना है। यह नीति युवाओं को सामाजिक भलाई गतिविधियों के साथ-साथ उनके कौशल को निखारने में सहायक होगी। यह नीति युवाओं को खेलों, सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य नेक कार्यों के लिए प्रोत्साहित करेगी।

खेल नियमित कैडर सेवा में संशोधन का निर्णय

मंत्रिमंडल ने खेल विभाग के 'द आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन्स सर्विस रूल्स' तैयार करके इसके माध्यम से खेल नियमित कैडर सेवा नियमों में संशोधन करने की मंजूरी दी है। इस फैसले से खेल विभाग में उत्कृष्ट खेल प्रतिभा वाले खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसी प्रकार, मंत्रिमंडल ने खिलाड़ियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए 'पंजाब स्पोर्ट्स मेडिकल कैडर सर्विस रूल्स' को भी मंजूरी दे दी है।

गैर-वन वाली सरकारी और सार्वजनिक भूमि-2024 के लिए वृक्ष संरक्षण नीति को हरी झंडी

मंत्रिमंडल ने गैर-वन वाली सरकारी और सार्वजनिक भूमि-2024 के लिए वृक्ष संरक्षण नीति को हरी झंडी दे दी है। पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है जिसका 83 प्रतिशत क्षेत्र कृषि के अधीन है। पंजाब में वन और वृक्षों के तहत कुल 5.92 प्रतिशत क्षेत्र है और पंजाब सरकार ने 2030 तक इस क्षेत्र को बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य गैर-वन वाली सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर खड़े वृक्षों को उचित सुरक्षा प्रदान करना है और पौधरोपण करके पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई के लिए उचित व्यवस्था प्रदान करना है।

इस नीति के अनुसार संबंधित विभाग अपनी भूमि पर खड़े वृक्षों की गणना करेगा और इन्हें बचाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल/मोबाइल एप के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाएगा। यह नीति राज्य सरकार के विभागों, सभी सरकारी संस्थानों, स्थानीय सरकारों और पंचायती भूमि में गैर-वन वाली सभी भूमि पर लागू होगी। इस निर्णय के अनुसार वृक्षों को काटने या नए पौधे लगाने के बारे में निर्णय इस संबंधी उप मंडल/जिला और राज्य स्तर पर गठित समितियों द्वारा लिया जाएगा। इस नीति से पौधों से कुछ आय भी उत्पन्न होगी और राज्य भर में विशेषकर शहरी क्षेत्रों में हरियाली को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए परियोजना शुरू करने की भी मंजूरी

कैबिनेट ने जापान के सहयोग से 792.88 करोड़ रुपए की लागत से पंजाब में कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक परियोजना शुरू करने की भी मंजूरी दी। इस परियोजना से पंजाब में कृषि वानिकी के तहत वृक्षों का क्षेत्र बढ़ाने, भूजल बचाने, किसानों की आय बढ़ाने और पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने, शिवालिक क्षेत्र में जल संसाधनों के बेहतर एकीकृत प्रबंधन, राज्य में जलग्रहण क्षेत्रों में सुधार और जैव विविधता के संरक्षण एवं पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और पंजाब के वन विभाग द्वारा तैयार की जाएगी। यह परियोजना 2025-26 से पांच वर्षों के लिए लागू की जाएगी।

फसल नुकसान

कैबिनेट ने अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए एसडीआरएफ और राज्य बजट से संयुक्त रूप से एक करोड़ रुपए से अधिक के फंड जारी करने के लिए सक्षम अथॉरिटी के रूप में राज्य कार्यकारी समिति को नामित करने की मंजूरी भी दी। इससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के होने वाले नुकसान के लिए किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान में राज्य बजट से मुआवजा अलग से दिया जाता है, लेकिन इस कदम का उद्देश्य प्रभावित किसानों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) और राज्य बजट से सामूहिक रूप से समयबद्ध तरीके से मुआवजा उपलब्ध कराने में कोई दिक्कत नहीं आने देना है।

दिव्यांग बच्चों के लिए पंजाब राज्य शिक्षा नीति को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने दिव्यांग बच्चों के लिए पंजाब राज्य शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है ताकि यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन राइट्स ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़ का उद्देश्य पूरा किया जा सके और ‘द राइट ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़ एक्ट-2016’ को लागू किया जा सके। यह नीति संपूर्ण शिक्षा और व्यापक विकास के लिए सहायक होगी ताकि दिव्यांग बच्चों को अधिक अवसर मिल सकें और संपूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। इसके अलावा इस नीति से इन बच्चों को प्रत्येक क्षेत्र में आत्म-विकास की गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक सहभागिता के अधिकार भी प्राप्त होंगे।

वीरता पुरस्कार विजेताओं को राहत

वीरता के पुरस्कार विजेताओं को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिमंडल ने इन विजेताओं को प्रत्येक प्रकार के नकद पुरस्कार की लंबित अदायगी करने को मंजूरी दे दी है। इससे पुरस्कार विजेताओं को लंबित राशि प्राप्त होने की सुनिश्चितता होगी, जिससे वे अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को अधिक प्रभावी तरीके से पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा, इस निर्णय से पुरस्कार विजेताओं को हर साल जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया जारी रखने की आवश्यकता नहीं होगी और पुरस्कार विजेता की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी को मासिक भत्ता के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि यह प्रक्रिया अपने आप पूरी हो जाएगी।

सेवा नियम 2018 में संशोधन

कैबिनेट ने पंजाब एजुकेशनल (टीचिंग कैडर) ग्रुप सी सेवा नियम 2018 और पंजाब एजुकेशनल (टीचिंग कैडर) बॉर्डर एरिया ग्रुप सी सेवा नियम 2018 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के तहत मास्टर/मिस्ट्रेस कैडर की रिक्तियों में 20 प्रतिशत पदोन्नति कोटे को ईटीटी/जेबीटी, एचटी और सीएचटी कैडर में क्रमशः 15:4:1 के अनुपात में विभाजित किया जाएगा। इससे विभाग में अनावश्यक मुकदमेबाजी कम होगी और ईटीटी/जेबीटी, एचटी और सीएचटी कैडर में पदोन्नतियों का रास्ता खुलेगा।

पंजाब फैमिली कोर्ट (संशोधन) नियम 2004 में बदलाव

मंत्रिमंडल ने पंजाब फैमिली कोर्ट (संशोधन) नियम 2004 को संशोधित कर इसमें नई धारा 4-ए जोड़ने और मौजूदा धारा-5, धारा-6, धारा-7, धारा-8 और धारा-9 में आवश्यक संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। इस संशोधन का उद्देश्य मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा करना है ताकि फैमिली कोर्ट का कामकाज और सुचारू हो सके।

पंजाब सुपीरियर जुडिशियल सर्विस नियम 2007 में संशोधन

मंत्रिमंडल ने पूरे भारत के अनुरूप न्यायिक अधिकारियों को पुनः नामित करने के लिए पंजाब सुपीरियर जुडिशियल नियम, 2007 में संशोधन की भी सहमति दे दी है। कैबिनेट ने पीसीएस (जुडिशियल ब्रांच) नियम, 1951 में संशोधन को स्वीकृति देकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को अपने स्तर पर न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिए विभागीय परीक्षा कराने और नियमबद्ध करने की अनुमति दे दी है। कैबिनेट ने पंजाब सुपीरियर जुडिशियल सेवा में नियुक्ति/पदोन्नति के लिए न्यूनतम आयु के बारे में स्पष्टता के लिए पंजाब सुपीरियर जुडिशियल सेवा नियम 2007 के नियम 5 में संशोधन को भी स्वीकृति दे दी है।

479 वेटरनरी फार्मासिस्ट और 472 सफाई सेवकों की सेवाओं में वृद्धि

पशुओं की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य भर के 582 वेटरनरी अस्पतालों में काम कर रहे 479 वेटरनरी फार्मासिस्ट और 472 सफाई सेवकों की सेवाओं को 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक सेवा प्रदाता के रूप में बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है।

कानूनी और विधान संबंधी मामलों के विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने कानूनी और विधान संबंधी मामलों के विभाग के पुनर्गठन की भी स्वीकृति दे दी है। पुनर्गठन के तहत 11 पदों को समाप्त कर 9 नए पद सृजित किए गए हैं और मौजूदा 13 अस्थायी पदों को स्थायी पदों में बदलने के लिए मंजूरी दी गई है।

मार्किट कमेटियों को भंग करने की अवधि दो साल और बढ़ाई गई

मंत्रिमंडल ने मार्किट कमेटियों को भंग करने की समय सीमा एक साल से बढ़ाकर और दो साल यानी 26 जुलाई, 2025 तक करने की मंजूरी दे दी है, और यदि इन मार्किट कमेटियों का इस बढ़ी हुई अवधि के भीतर पुनर्गठन नहीं किया जाता है, तो उनके पुनर्गठन तक इन कमेटियों का काम सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक देखेंगे।

लोक निर्माण विभाग के सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने पंजाब लोक निर्माण विभाग (इमारतें और सड़कें) ड्राफ्ट्समैन (ग्रुप-बी) सेवा नियम 2024, पंजाब आर्किटेक्चर (ग्रुप-सी) मिनिस्ट्रियल सेवाएं (प्रथम संशोधन) नियम 2024 और पंजाब लोक निर्माण (इमारतें और सड़कें शाखा) फील्ड ऑफिस (ग्रुप-सी मिनिस्ट्रियल) सेवा नियम 2024 को भी मंजूरी दी है ताकि विभाग के कामकाज को सुचारू बनाया जा सके।

जल संसाधन विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग में उप मंडलीय इंजीनियर के तीन पद समाप्त कर तहसीलदारों के तीन पद सृजित करने की सहमति भी दी है, जो राजस्व विभाग से प्रतिनियुक्ति पर भरे जाएंगे। ये तहसीलदार विभाग की विभिन्न संपत्तियों की देखरेख, अदालत में भूमि संबंधी मामलों की पैरवी, निजी व्यक्तियों द्वारा सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को रोकने, राजस्व से संबंधित मामलों, विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी मामलों, भूमि अधिग्रहण से संबंधित पुरस्कारों की घोषणा और भूमि अधिग्रहण तथा पुरस्कारों की घोषणा के बीच विवादों के निपटारे जैसे मामलों को देखेंगे।

जूनियर ड्राफ्ट्समैन और सर्वेयर (ग्रुप सी) सेवा नियम 2021 में संशोधन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने पंजाब जल संसाधन विभाग के जूनियर ड्राफ्ट्समैन और सर्वेयर (ग्रुप-सी) सेवा नियम 2021 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इसमें कहा गया है कि पंजाब जल संसाधन विभाग के जूनियर ड्राफ्ट्समैन और सर्वेयर (ग्रुप-सी) की भर्ती के लिए वे उम्मीदवार जिनके पास 2 साल का नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट और सिविल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है, को पात्र माना जाएगा, बशर्ते कि किसी भी संभावित उम्मीदवार को उच्च योग्यता का लाभ न दिया गया हो।

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