रण वही लेकिन योद्धा बदल गए पाला
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 मार्च
हरियाणा में लोकसभा चुनावों का रणक्षेत्र तो वही है, लेकिन इस बार कई नये योद्धा कमर कस कर मैदान में हैं। कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कुछ चेहरे पाला बदल कर अब भाजपाई हो चुके हैं। इनमें से एक को लोकसभा का टिकट भी मिल चुका है। हालांकि एक नेताजी की घर वापसी भी हुई है, लेकिन इस बार वे लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं। चुनावों का ऐलान भी हो चुका है, लेकिन अभी चुनावी बिसात पूरी तरह से बिछी नहीं है।
2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले सभी दस सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। इन चुनावों में कांग्रेस को सभी दस सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। चुनावी नतीजों का असर यह हुआ कि पार्टी के चार प्रत्याशी – फरीदाबाद से अवतार सिंह भड़ाना, सिरसा से डॉ. अशोक तंवर, हिसार से भव्य बिश्नोई और कुरुक्षेत्र से निर्मल सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
अहम बात यह है कि इन चारों ने ही लोकसभा चुनावों के बाद और अक्तूबर-2019 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का ‘हाथ’ झटक दिया था। हालांकि अब निर्मल सिंह की घर वापसी हो चुकी है, लेकिन वे लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। वैसे भी कुरुक्षेत्र संसदीय सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए गठबंधन के तहत आप प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा जा चुका है। हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में यह भी पहला मौका है, जब कांग्रेस किसी दल के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ रही है। इससे पहले कांग्रेस ने न कभी लोकसभा के लिए गठबंधन किया और न ही विधानसभा चुनावों में।
डीडी भी हुए भाजपाई
2019 में जजपा टिकट पर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले जयभगवान शर्मा ‘डीडी’ भी अब भाजपाई हो चुके हैं। जजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र से भाजपा के नायब सिंह सैनी के मुकाबले चुनावी रण में उतारा था। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद डीडी कुछ समय तो जजपा में ही बने रहे लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। कुरुक्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जयभगवान शर्मा का नाम भी चर्चा में है। इसी तरह से हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रहे भव्य बिश्नोई कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। आदमपुर में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करके वे भाजपा टिकट पर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। भव्य के पिता और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई हिसार से भाजपा टिकट की मांग कर रहे हैं। हिसार के अलावा वे राजस्थान से भी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। 2019 में आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए नवीन जयहिंद ने जजपा-आप गठबंधन के तहत फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके कुछ माह बाद जयहिंद ने आप को अलविदा कह दिया। अब वे ‘जयहिंद सेना’ के बैनर तले सामाजिक कार्य कर रहे हैं। बताते हैं कि जयहिंद की भाजपा के साथ बातचीत चल रही है। पूर्व सीएम मनोहर लाल के साथ भी उनकी मुलाकात हो चुकी है। जयहिंद रोहतक से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। पार्टी ने उनके नाम पर मंथन भी किया है।
बीते पांच साल में सामने आए कुछ प्रमुख चेहरे
दुष्यंत चौटाला
2019 में भाजपा के मुकाबले हिसार से ताल ठोकने वाले दुष्यंत चौटाला को भी राजनीतिक उलटफेर से दो-चार होना पड़ा। इनेलो से अलग होकर खुद की जजपा बनाने वाले दुष्यंत चौटाला अक्तूबर-2019 के विधानसभा चुनावों में दस सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहे। हालात ऐसे बने कि भाजपा को उनके सहयोग से सरकार का गठन करना पड़ा। ऐसे में दुष्यंत चौटाला प्रदेश के डिप्टी सीएम बने। दुष्यंत इस बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर सस्पेंस है।
बृजेंद्र सिंह
2019 में हिसार से भाजपा टिकट पर जीत हासिल करने वाले बृजेंद्र सिंह भी पाला बदल चुके हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता हासिल की है। पार्टी उन्हें हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है। उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह अभी भाजपा में ही बने हुए हैं, लेकिन उनका भी कांग्रेस में आना तय है। इस बदले हुए हालात के चलते अब भाजपा भी हिसार से नये चेहरे की तलाश कर रही है।
अशोक तंवर
2019 में कांग्रेस ने उस समय पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ अशोक तंवर को सिरसा से चुनाव लड़वाया था। इसके बाद विधानसभा चुनावों में टिकट आवंटन के दौरान तंवर की बात नहीं बन सकी। उन्होंने विरोध स्वरूप कांग्रेस को अलविदा कह दिया। तंवर प्रदेश के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने सबसे अधिक दलों का ‘अनुभव’ हासिल किया है। खुद का मोर्चा बनाने के अलावा तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में सक्रिय रहने के बाद तंवर को आखिर में भाजपा का दामन थामना पड़ा। भाजपा ने भी उन्हें हाथों-हाथ लिया और सिरसा की मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल की टिकट काटकर उनकी जगह तंवर को चुनावी रण में उतारा है।
2019 के लोस चुनाव के तथ्य
- करनाल से भाजपा के संजय भाटिया ने सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की थी
- रोहतक से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा प्रदेश में सबसे कम मतों के अंतर से हारे थे।
- रोहतक पार्लियामेंट के अलावा किसी भी लोकसभा क्षेत्र में नहीं थी कांटे की टक्कर।