प्रशासन ने पुलिस की मदद से शुरू करवाया तेल पाइप लाइन बिछाने का काम
10:44 AM Nov 06, 2024 IST
गोहाना के कोहला गांव में मंगलवार को खेतों में तेल की पाइप लाइन बिछाने के विरोध में चल रहे धरने को संबोधित करते किसान नेता। -हप्र
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गोहाना (सोनीपत), 5 नवंबर (हप्र)
प्रशासन ने मंगलवार को भारी संख्या में पुलिस बल को साथ लेकर गांव कोहला में तेल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया। किसानों ने काम शुरू करवाने का विरोध किया जिस पर 24 किसानों को हिरासत में ले लिया गया। करीब चार घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष सितेंद्र लोहचब ने कहा कि सरकार किसानों की जायज मांगों को पूरा करवाए बिना पुलिस प्रशासन के दबाव में काम करवाना चाहती है। बुधवार को किसान महापंचायत कर आगामी निर्णय लेंगे।
एक तेल कंपनी द्वारा गुजरात से पानीपत रिफाइनरी में तेल की सप्लाई के लिए क्षेत्र के विभिन्न गांवों के खेतों से पाइप लाइन बिछाई जा रही है। अनेक गांवों में पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। किसान पाइप लाइन बिछाने पर मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं जबकि कंपनी द्वारा कलेक्टर रेट के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। क्षेत्र के किसानों ने पाइप लाइन बिछाने का विरोध कर रखा है और 3 अगस्त से गांव कोहला में धरना दे रहे हैं। किसानों और अधिकारियों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन किसान उचित मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इसी क्रम में एक सप्ताह पहले भी तेल कंपनी के अधिकारी प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल के साथ धरनास्थल पर पहुंचे थे। तब किसानों ने उपायुक्त से बातचीत के लिए समय मांगा था। मंगलवार को फिर से तेल कंपनी के अधिकारियों ने काम शुरू करवाने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा।
तेल कंपनी के अधिकारी, एसीपी ऋषिकांत, नायब तहसीलदार अभिमन्यु भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मशीनें लेकर काम शुरू करवाने के लिए गांव कोहला पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों को काम शुरू करने के लिए समझाया लेकिन वे मार्केट रेट के अनुसार ही मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे। काम शुरू करने की कोशिश की तो कुछ किसान विरोध में उतार आए, जिसके बाद 16 महिलाओं और 8 पुरुषों को हिरासत में ले लिया गया और बस में बैठाकर कुछ दूर ले जाया गया। इसी बीच पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करवाया गया। करीब तीन-चार घंटे बाद हिरासत में लिए किसानों को छोड़ दिया।
''तेल कंपनी के अधिकारियों ने काम शुरू करवाने के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। अधिकारियों ने किसानों को समझाया लेकिन कुछ किसानों ने काम का विरोध किया। उन्हें हिरासत में ले लिया गया लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई।'' -ऋषिकांत, एसीपी, गोहाना
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