बिना सोचे-समझे संविधान से छेड़छाड़ बड़ा जोखिम : वोहरा
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नयी दिल्ली, 26 सितंबर (ट्रिन्यू)
भारत से संवैधानिक निरक्षरता को तत्काल हटाने पर बल देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा ने मंगलवार को संविधान के प्रावधानों के साथ किसी भी छेड़छाड़ के प्रति चेताया। उन्होंने कहा कि संविधान के जरिये पिछले 75 वर्षों से अधिक समय से देश की बेहतरीन सेवा हो रही है।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में एक नयी शृंखला ‘द वर्किंग ऑफ द इंडियन कॉिन्स्टट्यूशन : स्टोरीज एंड स्कॉलरशिप’ के उद्घाटन व्याख्यान में उन्होंने कहा कि इसके दूरदर्शी दृष्टिकोण और प्रावधानों को बेहतर ढंग से समझना हमारे लिए फायदेमंद होगा। संविधान की मूल भावना को बनाए रखने पर जोर देते हुए वोहरा ने कहा, ‘भारत के संविधान के किसी भी प्रावधान के साथ बिना सोचे-समझे छेड़छाड़ करने में बहुत बड़ा जोखिम है, इस संविधान ने हमें साढ़े सात दशकों तक सही रास्ते पर रखा है।’ वोहरा ने कहा कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश की निरंतर वृद्धि और विकास काफी हद तक सुशासन के निरंतर संचालन पर निर्भर है। आईआईसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक है कि शासन प्रणाली हमारे व्यापक संविधान में निहित लक्ष्यों के करीब चले।’ उन्होंने कहा कि संविधान के आदेशों के जरिये, ‘आपातकाल की दुर्भाग्यपूर्ण अवधि को छोड़कर, भारत पिछले 75 वर्षों से एकसूत्र में बंधा है।’ वोहरा ने भारतीय संविधान के दृष्टिकोण, इसके विशिष्ट प्रावधानों के बारे में आम आदमी को पूरा ज्ञान नहीं होने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि देश की बड़ी आबादी संविधान के प्रावधानों के प्रति जागरूक बने। पूर्व राज्यपाल ने बहुचर्चित टेलीविजन सीरीज महाभारत की तर्ज पर संविधान को क्रमबद्ध करने की वकालत की। उन्होंने इस विचार को निराधार बताया कि संविधान का ज्ञान केवल वकीलों और न्यायाधीशों के पास है।
वोहरा ने कहा, ‘संवैधानिक निरक्षरता को दूर किया जाना चाहिए और राजनीति में सभी लोगों को इसके प्रावधानों का सम्मान और पालन करना चाहिए।’
पूर्व गवर्नर ने स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और कूटनीति के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि देश को राष्ट्र निर्माण की चुनौतियों पर काबू पाने और वास्तव में एक लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य के रूप में उभरने के लिए अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना है।
खत्म हो राजनीतिक संरक्षण का माफिया सिंडिकेट
पूर्व राज्यपाल वोहरा ने कहा, ‘हमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा, चुनाव, महिला सशक्तीकरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ सुधार के लिए कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में माफिया सिंडिकेट को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक राजनीतिक दलों के बीच राष्ट्रीय सहमति नहीं बनती, तब तक सार्थक सुधारों की कोई संभावना नहीं दिखती।