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सरकार और मिलर्स के बीच वार्ता बेनतीजा, आज फिर होगी बैठक

07:04 AM Oct 01, 2024 IST
सरकार और मिलर्स के बीच वार्ता बेनतीजा  आज फिर होगी बैठक
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 30 सितंबर
हरियाणा के राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन की मांगों पर सोमवार को सरकार के साथ हुई बैठक में सहमति नहीं बन पाई। एसोसिएशन पदाधिकारियों की चंडीगढ़ में हुई बैठक में मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक मुकुल कुमार और हैफेड के एमडी जे़ गणेशन सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में खरीद प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
एसोसिएशन की ओर से सभी मांगों को प्रमुखता से उठाया गया लेकिन सोमवार की बैठक में सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में मंगलवार को फिर से बैठक होगी और इसमें समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी। एसोसिएशन पदाधिकारियों की ओर से सरकार को अपनी मांगों को लेकर मांग-पत्र भी दे दिया है।
एसोसिएशन की ओर से प्रधान हंसराज सिंगला, चेयरमैन ज्वैल सिंगला, राजेंद्र सिंह ढांड, प्रवीण अग्रवाल, दीपक सिंगला, विजय जैन, कैथल से सचिन मित्तल सहित अन्य मिलर्स मौजूद रहे।
प्रदेश की मंडियों में धान की आवक लगातार बढ़ रही है लेकिन मांगें लंबित होने की वजह से खरीद रुकी हुई है। अभी तक पौने दो लाख टन से अधिक धान मंडियों में पहुंच चुका है। वहीं खरीद महज 30 हजार टन के करीब की हुई है। किसानों की भी परेशानी इस वजह से बढ़ी हुई है।
आढ़तियों का कहना है कि अगर जल्द सहमति नहीं बनी तो मंडियों में हालात बिगड़ सकते हैं। धान खरीद के बाद उठान जरूरी है। ऐसे में मंडियों में किसानों को भारी परेशानी हो सकती है। माना जा रहा है कि मंगलवार की बैठक में रास्ता निकालने की कोशिश होगी।

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गोदामों में उपलब्धता की जानकारी मिले
राइस मिलर्स की मांग है कि चावल लगाने की गोदामों में जगह कि पहले से ही पुष्टि की जाए। साथ ही स्टेशन वाइज गोदामों में जगह उपलब्धता की कंफर्म सूची उन्हें मिले। राइस मिलर्स को अपने स्टेशन पर नज़दीकी गोदाम में चावल लगाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध करवाई जाए। चावल का चावल का यील्ड 67 प्रतिशत की जगह 62 प्रतिशत होना चाहिए। इसी तरह चावल की सीएमआर डिलीवरी में टुकड़े की मात्रा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया जाए। राइस मिलर्स की जिम्मेवारी सिर्फ मिलिंग की होनी चाहिए। एफआरके ब्लेंडिंग व मिक्सिंग की जिम्मेवारी से राइस मिलर्स को मुक्त किया जाए। मिलिंग चार्जेज को बढ़ा कर 100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया जाए। राइस मिल से गोदाम तक किराया मार्केट रेट पर मिलना चाहिए। यदि किसी कारण्ावश राइस मिलर्स को अपने स्टेशन की बजाय दूसरी जगह चावल लगाने पड़ें तो राइस मिलर को उक्त गोदाम तक का पूरा किराया मार्केट रेट के हिसाब से मिलना चाहिए।

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