मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

मानसून में भी ख्याल रहे हरी-भरी क्यारी का

08:48 AM Jul 16, 2024 IST
Advertisement

अनु आर.
मानसून में हमें पौधों को पानी नहीं देना पड़ता, बारिश के पानी में बहुत मिनरल्स भी होते हैं व वातावरण भी अनुकूल होता है। ऐसे में मानसून में हमारे किचन गार्डेन में पौधों की ग्रोथ बहुत अच्छी होती है, वे ज्यादा साफ सुथरे और चमकीले दिखते हैं। लेकिन हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि मानसून के मौसम में बगिया की देखभाल की कम जरूरत है। सच्चाई तो यह कि बरसात के दिनों में हमें बाकी मौसमों की तुलना में बगिया की ज्यादा और नियमित देखभाल करनी पड़ती है, तभी बगिया को बारिश का भरपूर लाभ मिलता है। दरअसल बारिश के मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है :

खरपतवार हटाना

बारिश के मौसम में सिर्फ हमारी बगिया के पौधे ही अच्छी ग्रोथ नहीं करते बल्कि उनके इर्द-गिर्द खरपतवार भी तेजी से बढ़ते हैं। क्योंकि उन्हें भी तो कुदरत का उर्वर पानी और मानसून का अनुकूल वातावरण मिलता है। इसलिए मानसून के दिनों में नियमित हर हफ्ते व कभी कभी हफ्ते में दो बार पौधों के इर्दगिर्द उग आये खरपतवार को निकालना जरूरी होता है वरना मिट्टी की जो ताकत आपके पौधे को मिलनी है, उसमें से काफी कुछ ये खरपतवार खींच लेते हैं।

Advertisement

जमा पानी की निकासी

अगर आपके पौधे गमले में हैं तो ध्यान दें अगर रात में तेज बारिश हुई है और आपके गमले पानी से लबालब हो गये हैं तो सुबह होते ही उस पानी को हर हाल में पौधों से निकाल दें। यही बात जमीन की बगिया में भी करनी जरूरी है। मानसून की बारिश का पानी चाहे जितना उर्वर हो, लेकिन अगर उसकी जरूरत नहीं है और वह पौधे के इर्दगिर्द जमा है तो उससे पौधा विकसित नहीं होगा, मुरझायेगा ही। इसलिए मानसून के दिनों में आपको सतर्क रहना होगा कि बारिश का पानी देर तक पौधों में जमा न रहे।

जरूरत के मुताबिक पानी देना

कई बार बारिश के दिनों में अचानक एक एक हफ्ते तक बारिश का नामोनिशान नहीं होता और दिन में बेहद तीखी धूप होती है। ऐसे में पौधों को इस मानसून के मौसम में भी नियमित रूप से पानी देते रहिए। हां, जब बारिश हो जाए तो बंद कर दीजिए।
छंटाई भी करते रहें
बारिश के मौसम में पौधों में खूब सारी पत्तियां आती हैं और उनकी तेजी से ग्रोथ होती है, लेकिन अगर पौधों में ये सारी पत्तियां बनी रहती हैं, तो इससे पौधों को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है। इसलिए पौधों को कम से कम उनके निचले हिस्से की पक चुकी पत्तियों को इन दिनों निकाल दें और बीच बीच में पौधों की मुकम्मल छंटाई भी करते रहें तभी वे अच्छी तरह से विकसित होंगे।

कीट-पतंगों से बचाव

बारिश के मौसम में कीट-पतंगों की भी भरमार होती है। आपकी बगिया में तरह तरह के कीड़े-मकोड़े दिखने लगते हैं। इसमें कुछ तो पौधों के लिए उपयोगी होते हैं और कुछ नुकसानदायक। इसलिए बारिश के मौसम में बीच बीच में पौधों की सही से कटाई-छंटाई करके उन्हें फंगस आदि से बचाने के लिए फंगीसाइड का छिड़काव करते रहना चाहिए। अगर पौधों पर कीट देखें तो कीटनाशकों का उपयोग करें वर्ना पौधे कीटनाशकों के हमले की चपेट में आकर मुरझा जाएंगे।

गमलों की अदल-बदल

बारिश के दिनों में अगर आपका किचन गार्डेन गमलों में है तो गमलों की जगहों को एक दूसरे से अदल-बदल करते रहें। पूरे बारिश एक जगह गमले रखे होने पर इनमें कई तरह के फंगस लगने का डर रहता है।

गमले के नीचे से प्लेट हटाना

अगर आपने अपने गमलों के नीचे प्लेट लगा रखी हैं ताकि गमले से रिसा पानी प्लेट में ही गिरे तो इस मौसम में हर रोज प्लेट का पानी फेंकना होगा या फिर इस मौसम में गमले के नीचे प्लेट ही न लगाएं। अगर प्लेट लगी है और पानी इकट्ठा हो रहा है तो कुछ दिनों के बाद वह पानी सड़ सकता है और तब यह पौधे के लिए नुकसानदायक होगा। कुल मिलाकर देखें तो मानसून के मौसम में बाकी किसी भी मौसम से कहीं ज्यादा पौधों के देखभाल की जरूरत होती है। यह नहीं समझना चाहिए कि पौधों को पानी नहीं देना तो सारी जिम्मेदारी खत्म। - इ.रि.सें.

Advertisement
Advertisement