स्कूलों से ड्रापआउट बच्चों का 6 तक चलेगा सर्वे, ग्राम पंचायतों का भी मिलेगा सहयोग
चंडीगढ़, 31 दिसंबर (ट्रिन्यू)
नए साल में सरकारी स्कूलों में ड्राप आउट बच्चों का सर्वे करने की मुहिम शुरू की जाएगी। इस दौरान छह से सात वर्ष तक के उन बच्चों की पहचान की जाएगी, जो स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कार्य में ग्राम पंचायतों के साथ आंगनबाड़ी वर्कर और नंबरदारों का सहयोग लिया जाएगा। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ड्राप आउट बच्चों को स्कूलों में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लिहाजा, शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल स्तर यानी गांव व वार्ड में एक सप्ताह सर्वे अभियान चलाया जाएगा, जिसमें शिक्षक घर-घर दस्तक देंगे और पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार करेंगे। दरअसल, राजकीय स्कूलों में ड्राप आउट की बढ़ती चुनौती को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र में एक्शन प्लान तैयार किया है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहेगा। विभाग की ओर से अतिरिक्त जिला उपायुक्त, शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और समस्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर हिदायत दी गई है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराया जाए। एक्शन प्लान के तहत शीतकालीन अवकाश के दौरान न केवल ड्राप आउट बच्चों का सर्वे होगा, बल्कि स्कूल से लेकर ब्लाक, जिला तथा निदेशालय स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद नए शैक्षणिक सत्र में उन बच्चों के दाखिले को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
सर्वे के दौरान शिक्षा विभाग का लक्ष्य एससी और एसटी समुदायों के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ व बेघर, प्रवासी, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोड़ना है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का भी डाटा तैयार किया जाएगा।