For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

नहीं टूटा सुरेंद्र बरवाला का रिकार्ड, कांग्रेस टिकट पर बृजेंद्र करेंगे कोशिश

09:22 AM Apr 20, 2024 IST
नहीं टूटा सुरेंद्र बरवाला का रिकार्ड  कांग्रेस टिकट पर बृजेंद्र करेंगे कोशिश
Advertisement

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 19 अप्रैल
हिसार संसदीय क्षेत्र से लगातार दो बार सांसद बनने का रिकॉर्ड केवल पूर्व सांसद सुरेंद्र बरवाला के नाम है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ तीन बार सांसद तो बने हैं, लेकिन लगातार दूसरी बार वे भी संसद नहीं पहुंच सके। हालांकि सबसे अधिक तीन बार सांसद बनने का रिकार्ड जेपी के ही नाम है। वहीं एक मौका ऐसा भी आया जब लोकसभा चुनावों में जेपी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।
चौ़ देवीलाल और भजनलाल परिवार के सदस्यों की भी इस सीट पर जमानत जब्त हो चुकी है। देवीलाल के पुत्र चौ़ रणजीत सिंह पहले भी हिसार से किस्मत आजमा चुके हैं लेकिन उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा। इस बार वे भाजपा टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। वहीं भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई 2019 के चुनावों में कांग्रेस टिकट पर अपनी जमानत गंवा चुके हैं। फिलहाल भव्य आदमपुर से भाजपा विधायक हैं।
जींद, हिसार और भिवानी तीन जिलों में फैले हिसार संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने एक मौके को छोड़कर कभी लगातार दूसरी बार किसी नेता पर लोकसभा में भेजने को लेकर भरोसा नहीं किया। एक मौके को छोड़कर हिसार से हर बार कोई नया नेता लोकसभा में पहुंचा है। 1977 से 2019 तक केवल सुरेंद्र बरवाला ऐसे नेता रहे, जो लगातार दो बार हिसार से सांसद बने। वे पहले 1998 में हिसार से सांसद चुने गए थे। तब इनेलो और बसपा का चुनावी गठबंधन था।
इसके ठीक एक साल बाद 1999 में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में सुरेंद्र बरवाला फिर हिसार से इनेलो प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में उतरे। तब इनेलो का चुनावी गठबंधन भाजपा के साथ था और सुरेंद्र बरवाला लगातार दूसरी बार हिसार से सांसद चुने गए थे। हिसार के चुनावी रण में लगातार दूसरी बार सांसद बनने का जो रिकॉर्ड पूर्व सांसद सुरेंद्र बरवाला के नाम है, उसे पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश उर्फ जेपी जैसे दिग्गज भी नहीं तोड़ पाए।
जयप्रकाश उर्फ जेपी 1989 में हिसार से जनता दल की टिकट पर सांसद चुने गए थे। 1991 में उन्हें कांग्रेस के मास्टर नारायण सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। जेपी 1996 में फिर हिसार से हविपा की टिकट पर सांसद चुने गए, लेकिन 1998 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वह 2004 में हिसार से तीसरी बार सांसद बने, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली। दुष्यंत चौटाला 2014 में हिसार से इनेलो की टिकट पर सांसद चुने गए थे।
2019 में उन्होंने फिर हिसार से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन भाजपा के बृजेंद्र सिंह के हाथों उनकी करारी हार हुई। इसी तरह पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई हिसार से 2010 में हुए उपचुनाव में सांसद चुने गए थे। 2014 में कुलदीप बिश्नोई ने हिसार से फिर अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें इनेलो के लगभग 25 साल के युवा दुष्यंत चौटाला ने मात दी थी।

Advertisement

अब कांग्रेस के बृजेंद्र पर नज़र

हिसार के चुनावी दंगल में अब इनेलो की तरफ से सुनैना चौटाला, जजपा की तरफ से नैना चौटाला और भाजपा की तरफ से रणजीत सिंह चौटाला चुनावी दंगल में उतर चुके हैं। इनमें से कोई भी अभी तक संसद नहीं बना है। सुनैना चौटाला और नैना चौटाला का यह पहला लोकसभा चुनाव है तो रणजीत सिंह हिसार में दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2019 में भाजपा टिकट पर सांसद बने बृजेंद्र सिंह इस बार कांग्रेस टिकट पर हिसार से चुनावी रण में आ सकते हैं। ऐसे में यह देखना रोचक रहेगा कि वे लगातार दूसरी बार चुनाव जीतते हैं या नहीं।

जेपी के नाम हिसार में अजीब रिकॉर्ड

हिसार में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश उर्फ जेपी के नाम एक अजीब रिकॉर्ड दर्ज है। जेपी 3 बार हिसार से सांसद बनने वाले इकलौते नेता हैं। उनके नाम हिसार में जमानत जब्त होने का भी रिकॉर्ड है। 2010 के उपचुनाव में जेपी हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी थे। तब मुकाबला हजकां के कुलदीप बिश्नोई और इनेलो के अजय चौटाला के बीच हुआ था। इसमें कुलदीप बिश्नोई को 355941 वोट मिले थे तो अजय चौटाला को 349613 वोट मिले थे। बिश्नोई ने अजय चौटाला को लगभग 6 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था। जेपी को महज 149785 वोट मिले थे और वह अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।

Advertisement

रणजीत की भी हो चुकी जमानत जब्त

हिसार में केवल जेपी सरीखे धुरंधर की जमानत जब्त हुई हो, ऐसा नहीं है। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के छोटे बेटे चौ़ रणजीत सिंह की जमानत भी हिसार संसदीय क्षेत्र के चुनाव में जब्त हो चुकी है। उन्होंने 1998 में हिसार से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था और केवल 85000 वोट ले पाए थे। तब उनकी जमानत भी नहीं बच पाई थी।

Advertisement
Advertisement