सुनील छेत्री 6 जून को खेलेंगे आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच
नयी दिल्ली, 16 मई (एजेंसी)
महान खिलाड़ी सुनील छेत्री ने कुवैत के खिलाफ छह जून को फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग मैच के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने का फैसला लिया है। भारतीय टीम के कप्तान छेत्री ने सोशल मीडिया के जरिये यह घोषणा की। 39 वर्ष के छेत्री करीब दो दशक से भारतीय फुटबॉल को अपनी सेवायें दे रहे हैं। छेत्री का आखिरी मैच कोलकाता के साल्टलेक स्टेडियम पर होगा। जिस शहर में उन्होंने इतना फुटबॉल खेला, वहीं से विदा लेने से बेहतर इस स्वर्णिम यात्रा की परिणिति नहीं हो सकती। छेत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ 2005 में अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण मैच में गोल किया था।
रोनाल्डो, मेस्सी के बाद दागे सबसे ज्यादा गोल
वर्ष 2005 में अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण करने वाले छेत्री ने भारत के लिए 94 गोल किए हैं। उनके नाम भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल और सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच हैं। सक्रिय फुटबॉल खिलाड़ियों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी के बाद उनके नाम सबसे ज्यादा गोल हैं। वह सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में चौथे स्थान पर हैं।
नौ नंबर की जर्सी के लिए देश चुनेगा नया खिलाड़ी
छेत्री ने कहा कि अब देश को नौ नंबर की जर्सी के लिये अगला खिलाड़ी चुनना होगा। टीम में फिलहाल ऐसे स्ट्राइकर की कमी है जो अपने क्लब के लिए मुख्य स्ट्राइकर के तौर पर खेलता हो।
ये रिकॉर्ड हैं नाम
छेत्री भारत की नेहरू कप (2007, 2009, 2012), दक्षिण एशियाई फुटबॉल महासंघ (सैफ) चैम्पियनशिप (2011, 2015, 2021) में खिताबी जीत के सूत्रधार रहे। वह 2008 एएफसी चैलेंज कप जीत में भी सूत्रधार रहे जिसकी मदद से भारत को 27 साल में पहली बार एएफसी एशियाई कप (2011) खेलने का मौका मिला। मोहन बागान के लिये 2002 में क्लब फुटबॉल में पदार्पण करने वाले छेत्री ने अमेरिका में मेजर लीग फुटबॉल टीम कंसास सिटी विजाडर्स के लिए 2010 में खेला। सात बार एआईएफएफ के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे छेत्री ने ईस्ट बंगाल, डेम्पो और बेंगलुरू एफसी के लिये खेला। बेंगलुरू एफसी के साथ उन्होंने आई लीग, आईएसएल, सुपर कप खिताब जीते।
''पिछले 19 साल में मैंने कर्तव्य, दबाव और आनंद की अनुभूति की। डेढ़-दो महीने से ख्याल आ रहा था कि अब समय आ गया है। मैने खुद से कहा कि यह मेरा आखिरी मैच होने वाला है। बहुत अजीब लग रहा था। सब याद आ रहे थे। मैने अपने माता-पिता और पत्नी को बताया। पिता तो राहत महसूस कर रहे थे, खुश थे। लेकिन मेरी मां और पत्नी रोने लगे। '' -सुनील छेत्री, भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान