1000 करोड़ का और कर्ज लेगी सुक्खू सरकार
शिमला, 1 अगस्त (हप्र)
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार को एक बार फिर से 1,000 करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ा है। कर्ज की यह राशि 2 मदों में क्रमश: 500-500 करोड़ रुपए में ली जाएगी। 500 करोड़ रुपए 9 वर्ष व 500 करोड़ रुपए 11 वर्ष की अवधि के लिए लिया जाएगा। इसके लिए सरकार की तरफ से आवेदन कर दिया गया है, जिसके लिए नीलामी प्रक्रिया 6 अगस्त को पूरी कर दी जाएगी। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 अगस्त को सरकार के खाते में 1,000 करोड़ रुपए कर्ज की राशि जमा हो जाएगी। सुक्खू सरकार के पास अब दिसम्बर माह तक 1,800 करोड़ रुपए और कर्ज लेने की अनुमति है। इसको देखते हुए सरकार को नवम्बर और दिसम्बर माह में वेतन एवं पेंशन के लिए राशि जुटाने में परेशानी आ सकती है। हालांकि सरकार ने इसके लिए अभी से वैकल्पिक व्यवस्था करनी शुरू कर दी है, जिसके लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबलाइजेशन को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। इसकी दूसरी बैठक का आयोजन इसी माह होना है। उपसमिति की पहली बैठक में जानकारी दी गई थी कि सरकार पर 86,589 करोड़ रुपए कर्ज चढ़ चुका है। ऐसे में 1,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज लेने से यह राशि 87,589 करोड़ रुपए हो जाएगी। सरकार प्रति वर्ष अपने संसाधनों से कर के रुप में करीब 10,555 करोड़ रुपए और गैर करों से 2,074 करोड़ रुपए जुटाती है, जो कुल मिलाकर 12,629 करोड़ रुपए बनते है। सरकार पर इस समय कर्मचारी व पेंशनरों के एरियर की करीब 12,000 करोड़ रुपए की देनदारियां भी है।