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सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ीं, अकाल तख्त पर तलब

06:47 AM Jul 16, 2024 IST
अमृतसर में सोमवार को पांचों सिंह साहिबान स्वर्ण मंदिर सचिवालय में बैठक से पहले अकाल तख्त के सामने अरदास करते हुए। -विशाल कुमार
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संगरूर, 15 जुलाई (निस)
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। श्री अकाल तख्त के पांच सिंह साहिबानों ने अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर आरोपों पर स्पष्टीकरण देने को कहा है। आरोप है कि सुखबीर बादल ने कथित तौर पर सियासी लाभ के लिए पंथ की भावनाओं के साथ समझौता किया।
अकाल तख्त सचिवालय में सोमवार को आयोजित पांच प्रमुख सिंह साहिबानों की बैठक में शिअद अध्यक्ष (सुखबीर बादल का नाम नहीं लिया) को 15 दिन के भीतर व्यक्तिगत रूप से अकाल तख्त पर पेश होने और आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप में देने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की भूमिका भी जांच के दायरे में है, जिसने 2015 में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को तत्कालीन अकाल तख्त द्वारा दी गई विवादास्पद माफी को सही ठहराने के लिए विज्ञापनों पर 91 लाख रुपये खर्च किए गए थे।
गौरतलब है कि प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, बीबी जागीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला, परमिंदर सिंह ढींडसा, करनैल सिंह पंजौली, सरवन सिंह फिल्लौर, मनजीत सिंह और अन्य बागी शिअद नेताओं ने एक जुलाई को अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को लिखित माफीनामा दिया था। इसमें शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल द्वारा की गयी चार गलतियों के लिए माफी मांगी गई थी। इनमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी देना और 91 लाख रुपये के विज्ञापन जारी करना, 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में हुई ईशनिंदा की ठीक से जांच न करना, आईपीएस अधिकारी सुमेध सैनी को डीजीपी लगाना और मोहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देना शामिल है।
माफीनामे में शिअद के बागी नेताओं ने कहा था कि उन्हें जो भी ‘दंड’ मिलेगा उसका सामना करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि शिअद की सरकार (2007-2017) के दौरान जब शीर्ष नेतृत्व ने कई ‘गलतियां’ कीं तो वे मूकदर्शक बने रहे थे, जिससे लोगों का शिअद का मोहभंग हो गया।
इसके इलावा, तख्त श्री हरमंिदर पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब में पांचों सिंह साहिबानों द्वारा तनख्ााहिया घोषित किया गया है। ज्ञानी इकबाल सिंह पर तख्त श्री हरमंिदर पटना साहिब में रहकर श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप था। पांच सिंह साहिबानों में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह, सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी बलजीत और भाई मंगल सिंह श्री अकाल तख्त साहिब  शामिल रहे।

आदेशों का पालन करेंगे : शिअद

शिअद के मुख्य प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि अकाल तख्त के आदेशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर सिख के लिए अकाल तख्त सर्वोच्च है और शिअद अध्यक्ष एवं पूरा पार्टी नेतृत्व उसके आदेश का पालन करेंगे।

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