For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

एनईपी में खामियां दूर करने काे मांगे सुझाव

08:01 AM Jan 13, 2025 IST
एनईपी में खामियां दूर करने काे मांगे सुझाव
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रविवार को दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ करते शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा। -हप्र
Advertisement

कुरुक्षेत्र, 12 जनवरी (हप्र)
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने का सबसे बड़ा फार्मूला शिक्षक के हाथ में है। इस फार्मूले के तहत शिक्षक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को जन-जन तक पहुंचाने की कमान संभालनी होगी। प्रदेश में शिक्षकाें के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा जगत में नई क्रान्ति का सूत्रपात किया जाएगा। इसका आगाज स्वामी विवेकानंद जयंती पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश के तीन अन्य जिलों से किया गया है।
वे रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एनईपी-2020 के तहत भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।
इससे पहले शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती, हरियाणा स्कूल शिक्षा के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के वाईस चेयरमैन प्रो. सुरेन्द्र गक्खड, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि हरियाणा देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला राज्य होगा। प्रदेश में वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खामियों को दूर करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक वर्ग, नागरिक से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इस शिक्षा नीति को लागू करने में अहम योगदान शिक्षक का होगा। इसलिए शिक्षकों से सुझाव लेने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति को जन-जन तक पहंुचाने की सबसे महत्वपूर्ण धुरी शिक्षक ही हैं। इस नीति में बदलाव शिक्षकों के प्रयासों से ही संभव है और शिक्षक ही देश की भावी पीढ़ी को शिक्षा नीति से अवगत करवा सकते हैं। जब देश की भावी पीढ़ी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ग्रहण करेगी तो निश्चित की भावी पीढ़ी को भारत के इतिहास, संस्कार, संस्कृति और नैतिक मूल्यों को जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की भावी पीढ़ी को जब देश की संस्कृति और संस्कारों को जानने का अवसर मिलेगा तो निश्चित ही देश वर्ष 2047 तक विश्व गुरु बनेगा और इस दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में लागू हुई शिक्षा नीति का दूसरे विश्वविद्यालय व कॉलेज अनुसरण कर रहे हैं। अब इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कमियों को दूर करने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों पर अमल किया जाएगा और बदलाव कर वर्ष 2025 में पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू किया जाएगा।

Advertisement

एक अप्रैल से स्कूलों में नहीं होगी शिक्षकों की कमी

प्रदेश में एक अप्रैल से किसी भी स्कूल में शिक्षकों की कोई कमी नहीं रहेगी। प्रदेश के हर स्कूल में शिक्षकों को रेशनलाइज करने के आदेश अधिकारियों को दिए जा चुके हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के सभी स्कूलों में जल्द ही इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जाएगा और अप्रैल से पहले स्कूलों की सभी खामियों को दूर करने का प्रयास भी किया जाएगा। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति, छात्र, शिक्षक, विद्वान, किसान, व्यापारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुधार के लिए अपने विचार एवं सुझाव दे सकेगा। एक अप्रैल के बाद प्रदेश के राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। इसके साथ-साथ स्कूलों में दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं जिन्हें तुरंत प्रभाव से लागू किया जा रहा है। एनईपी-2020 को लागू करने में कोई त्रुटि न रहे, इसके लिए आज प्रदेशभर में चार स्थानों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया है, जिसमें से एक गोष्ठी का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में किया गया है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement