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नीट परीक्षा में गोलमाल को लेकर विद्यार्थियों ने जताया आक्रोश

09:00 AM Jun 27, 2024 IST
नीट परीक्षा में गोलमाल को लेकर विद्यार्थियों ने जताया आक्रोश
नारनौल में बुधवार को अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष अपना विरोध जताते नीट परीक्षा देने वाले विद्यार्थी। -हप्र
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नारनौल, 26 जून (हप्र)
उपायुक्त निवास के सामने स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष नीट परीक्षा में हुए घोटाले व हरियाणा सरकार की नौकरियों की भर्ती के पेपर लीक मामलों को लेकर विद्यार्थियों ने आक्रोश जताया। इस दौरान समाजसेवी व आप नेता गिरीश खेड़ा ने अपना 13 घंटे का आक्रोश व्रत भी रखा। इस दौरान उन्होंने भीषण गर्मी में बैठ कर ना तो अन्न ग्रहण किया, ना ही पानी पिया।
खेड़ा ने कहा कि जब एक बार परीक्षा प्रवेश के लिए कार्रवाई 8 फरवरी से 9 मार्च तक पूरी कर ली थी तो एक महीने बाद 9 अप्रैल को परीक्षा प्रवेश के 24000 से भी ऊपर आवेदन पत्र क्यों स्वीकार किए गए। ज्ञात हो देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि नीट की परीक्षा में 67 बच्चों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं और उनमें से 50 बच्चे वह हैं जिन्होंने एक महीने बाद 9 अप्रैल को दोबारा प्रवेश परीक्षा आवेदन भरे थे। इससे यह सिद्ध होता है जो एक महीने बाद 24000 बच्चों के परीक्षा प्रवेश आवेदन स्वीकार किए थे, वे सब हैं, जिन्होंने एनटीए में सांठ गांठ करके उच्च रैंकिंग प्राप्त की है। शिक्षक सुनील यादव ने कहा कि नीट परीक्षा की धांधली इतनी बड़ी है कि अच्छे प्रतिभाशाली बच्चों की रैंकिंग बहुत नीचे चली गई है और जो अयोग्य विद्यार्थी थे पैसों के बल पर उनकी रैंकिंग ऊंची आ चुकी है, इसलिए 24000 आवेदन पत्र दिए थे, उनकी ही खारिज किया जाए ना कि 24 लाख परीक्षार्थियों की।
शिक्षक तेजपाल और सुभाष सैनी ने आक्रोश जताया कि पिछले 5 साल में जितने भी हरियाणा सरकार में नौकरियों के लिए पेपर हुए हैं वह सब के सब लीक हुए हैं और रेलवे की कोई भर्ती नहीं निकली है, एसएससी के पेपर नहीं हो रहे हैं। इससे नौजवानों का भविष्य अंधकार में है सरकार को इन सब भर्तियों के लिए निष्पक्ष परीक्षा करवाकर योग्य युवकों को नौकरियां प्रदान करें। एसवीएन स्कूल की संचालिका कांता यादव ने कहा कि वह एक स्कूल संचालिका है और उनके ही स्कूल में पढ़ाया हुए बच्चों के साथ नीट परीक्षा में अन्याय हुआ है तो उनके लिए बड़ा ही कष्टदायक अनुभव है। इन्होंने भी बड़े आक्रोश में कहा कि बच्चों के माता-पिता कितने ही सपने सजोते हैं, लाखों रुपए खर्च करते हैं, प्रतिभाशाली दिन-रात मेहनत करते हैं और पैसों के बल पर परीक्षाओं को हाईजैक किया जाता है। जिससे आयोग्य विद्यार्थी आगे हो जाते हैं योग्य विद्यार्थी पीछे रह जाते हैं। उनके सुझाव के अनुसार एनटीए के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और हो सके तो एनटीए को खारिज करके सीबीएसई के द्वारा नीट की परीक्षा करवाई जानी चाहिए।

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