आढ़तियों की हड़ताल, मंडियों में धान के लगे अंबार
समराला, 7 अक्तूबर (निस)
धान की फसल की कटाई जोरों पर है, जिसके कारण मंडी में हर दिन बड़ी मात्रा में धान आ रही है। लेकिन मंडी के आढ़ती, मज़दूर और शैलर मालिक अपनी पुरानी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस महीने की पहली तारीख से सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन हड़ताल के कारण फसल की खरीद नहीं हो रही है। इसका नतीजा यह है कि समराला और माछीवाड़ा की मंडियों में रोज़ाना आने वाली धान के बड़े-बड़े ढेर देखने को मिल रहे हैं। समराला मंडी के सचिव गुरजीत सिंह ने बताया कि अब तक करीब दस हजार क्विंटल धान मंडी यार्ड के खुले मैदान में पड़ी है और यह सिलसिला हर दिन जारी है। वहीं आढ़ती, मज़दूर और शैलर मालिक अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसका खामियाज़ा ज़मींदारों को भुगतना पड़ रहा है जो अपनी काटी हुई धान को घर में नहीं रख सकते। इसलिए उन्हें मंडी में अपनी ढेरी की दिन-रात पहरेदारी करनी पड़ रही है।
आढ़ती एसोसिएशन समराला मंडी के प्रधान आलमदीप सिंह मल्लमजरा ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मानकर उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं करती, तब तक आढ़ती एसोसिएशन अपनी मांगों पर अडिग है। उन्होंने कहा कि सरकार की बेरुखी के कारण पंजाब का कमीशन एजेंट आर्थिक रूप से पूरी तरह तबाह हो चुका है। उन्होंने बताया कि आढ़तियों को ढाई फीसदी कमीशन मिलना चाहिए, जबकि सरकार द्वारा दो फीसदी से भी कम दिया जा रहा है, जिससे आढ़तियों को करीब 12 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान होता है।