भगवंत मान की जगह अमन अरोड़ा बने पंजाब AAP के नए प्रधान, पार्टी ने हिंदू चेहरे पर खेला दांव
चंडीगढ़, 22 नवंबर (ट्रिन्यू)
Aman Arora: पंजाब में राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने बड़ा बदलाव किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की जगह पार्टी ने कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को पंजाब इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह फैसला हाल ही में हुए उपचुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो अब तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, ने उपचुनाव के प्रचार के दौरान प्रधान पद से हटने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद से ही नए अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज थीं। पार्टी ने अंततः यह जिम्मेदारी अमन अरोड़ा को सौंपी है, जो राज्य सरकार में एक प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री हैं।
ਅੱਜ ਮੈਂ ਪਾਰਟੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਆਪਣੇ ਦੋ ਕਰੀਬੀ ਸਾਥੀ ਕੈਬਿਨੇਟ ਮੰਤਰੀ ਅਮਨ ਅਰੋੜਾ ਅਤੇ ਵਿਧਾਇਕ ਅਮਨਸ਼ੇਰ ਸਿੰਘ ਸ਼ੈਰੀ ਕਲਸੀ ਨੂੰ ਸੌਂਪ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਪਾਰਟੀ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਹੈ ਕਿ ਅਮਨ ਅਰੋੜਾ ਪਾਰਟੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਅਤੇ ਸ਼ੈਰੀ ਕਲਸੀ ਵਰਕਿੰਗ ਪ੍ਰੈਜ਼ੀਡੈਂਟ ਦੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਕੰਮ ਕਰਨਗੇ। ਮੈਨੂੰ ਆਪਣੇ ਦੋਵਾਂ ਸਾਥੀਆਂ 'ਤੇ ਪੂਰਾ ਭਰੋਸਾ ਹੈ… pic.twitter.com/EUWXCTddpi
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) November 22, 2024
भगवंत मान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, आज मैंने पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी अपने दो करीबी साथी कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी को सौंप दी है। पार्टी ने फैसला किया है कि अमन अरोड़ा पार्टी अध्यक्ष और शैरी कलसी वर्किंग प्रेसीडेंट के तौर पर काम करेंगे। मुझे अपने दोनों साथियों पर पूरा विश्वास है कि वे आने वाले समय में पार्टी और संगठन को पंजाब में और मजबूत करेंगे और नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे।
पार्टी के हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश
अमन अरोड़ा को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह पंजाब में अपने हिंदू वोट बैंक को फिर से मजबूत करना चाहती है। 2022 के विधानसभा चुनावों में आप को 42.06% वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह घटकर 26.06% रह गया। वहीं, भाजपा का शहरी क्षेत्रों में दबदबा बढ़ता नजर आया, खासकर हिंदू वोट बैंक में।
भाजपा से चुनौती और कांग्रेस का उभार
पंजाब में भाजपा का वोट शेयर विधानसभा चुनावों के मुकाबले लोकसभा चुनाव में घटकर 18% हो गया, लेकिन पार्टी ने शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। वहीं, कांग्रेस ने इस मौके का फायदा उठाकर लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और पटियाला जैसी शहरी सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। इन सीटों की अधीनस्थ अधिकांश विधानसभा सीटें आप के पास थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन पर बढ़त हासिल की।
शहरी वोट बैंक बचाने की रणनीति
हाल ही में हुए उपचुनावों में आम आदमी पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारकर इस वोट बैंक को बरकरार रखने की कोशिश की। हालांकि, शहरी सीटों पर नुकसान पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अमन अरोड़ा, जो हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने एक रणनीतिक दांव खेला है।