मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

सख्ती जरूरी

11:51 AM Apr 30, 2021 IST

लॉकडाउन से कोरोना पर काबू तो पाया जा सकता है, लेकिन इससे एक तो देश की आर्थिक स्थिति खराब होगी, दूसरा लोगों का कारोबार, उद्योग-धंधे बर्बाद होंगे और तीसरा बेरोजगारी और बढ़ेगी। लेकिन क्या कोरोना को हराने के लिए फिर से लॉकडाउन जरूरी है? जब सामाजिक दूरी और मॉस्क से कोरोना को हराया जा सकता है तो फिर लॉकडाउन से देश को बर्बाद करने की क्या जरूरत? लॉकडाउन लगाने से देश की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ेगा। जो लोग सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कोरोना को लेकर दिए निर्देशों का पालन नहीं कर रहे, उन पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?

Advertisement

राजेश कुमार चौहान, जालंधर


संकट में सुकून

Advertisement

28 अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में अविजीत पाठक का ‘वैक्सीन से ज्यादा प्रभावी प्यार की दवा’ लेख कोरोना लहर के चलते बिगड़े हालातों का खुलासा करने वाला रहा। महामारी के चलते अकाल मौतों ने संपूर्ण मानव जाति को हिला कर रख दिया। चिकित्सा सेवाओं में कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर मरीजों का तन-मन से इलाज करने में जुटे हैं। कठिन दौर में डॉक्टरों की सेवा को प्यार की दवा माना है। लेखक का दृष्टिकोण वैचारिक धरातल पर पीड़ितों के लिए रामबाण साबित होगा।

अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल


जवाबदेही जरूरी

आज पूरा महाराष्ट्र कोरोना महामारी से जूझ रहा है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की हालत चरमरा गई है। अस्‍पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। कहीं ऑक्सीजन तो कहीं वेंटिलेटर नहीं है। रेमडेसिविर इंजेक्शन या दूसरी ज़रूरी दवाएं भी उपलब्ध नहीं है। यहां के आर्थिक संकट से जनता बुरी तरह से जूझ रही है। मगर ठाकरे सरकार को इस सबसे कोई लेना-देना नहीं है। वे तो सिर्फ़ राजनीति करने में लगे हुए हैं। कुल मिलाकर इस राज्य सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है।

अरविंद तापकिरे, कांदिवली, प. मुंबई

Advertisement
Tags :
जरूरीसख्ती