विदेश भेजने में धोखाधड़ी करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई : डीजीपी
चंडीगढ़, 14 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में हिंसक अपराध नियंत्रण तथा हरियाणा पुलिस में क्षमता निर्माण करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने प्रदेशभर के पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस आयुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एजेंटों पर कार्रवाई करने तथा नशामुक्ति को लेकर जिलों में किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि नये कानून में धोखाधड़ी करके विदेश भेजने वाले एजेंटों की घर, दुकान तथा अन्य प्रॉपर्टी को अटैच करने का प्रावधान है, इसलिए ऐसे प्रावधानों का हमें उपयोग सुनिश्चित करना है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि प्रदेश में हिंसक अपराध नियंत्रण के लिए पुलिसकर्मियों का उच्च स्तरीय व गहन हथियार संचालन प्रशिक्षण आवश्यक है, जिससे उचित परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने जिलो में तैनात अच्छे युवा पुलिसकर्मियों का साक्षात्कार करते हुए उनका चयन करें और उनका अलग-अलग बैच बनाकर शस्त्र चलाने का उन्नत प्रशिक्षण दिलवाना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण में पुलिसकर्मियों को अलग-अलग स्थिति में किस प्रकार कार्य करना है, इसके बारे में भी बताया जाएगा। पुलिस अधीक्षक इस कोर्स को अपने जिले की स्थानीय समस्याओं के अनुरूप भी डिजाइन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण 7 से 10 दिन का होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस अधीक्षक यह ट्रेनिंग 21 अक्तूबर से शुरू करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में कपूर ने विदेश भेजने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे एजेंटों के नेक्सस को तोड़ने के लिए सभी गंभीरता से कार्य करें और इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह समस्या 5-6 जिलों में ज्यादा देखी जा रही है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अवैध इमीग्रेशन फ्रॉड के लिए निर्धारित फॉर्मेट में ही रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें ताकि मॉनीटरिंग अच्छी हो और यदि विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होती है तो आरोपी एजेंट के खिलाफ निर्धारित एसओपी के अनुसार कार्रवाई करें। डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग स्वयं करें।
नशामुक्ति कार्याें की समीक्षा की
डीजीपी ने बैठक में नशामुक्ति अभियान के तहत प्रदेश में किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों से 31 दिसंबर तक अपने-2 जिलों के गांवों तथा वार्डों को नशामुक्त बनाने के लिए स्वयं के लक्ष्य निर्धारित करके इसे प्राप्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षकों ने उनके क्षेत्र में नशामुक्ति को लेकर क्या-क्या काम हुए हैं, इस बारे में बताया। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधीक्षक नशामुक्ति को लेकर थाना अनुसार टीम बना लें। टीम के सदस्य डोर टू डोर जाएं और नशे से ग्रस्त व्यक्ति का इलाज करवाना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति को लेकर दो कार्य करने हैं। पहला, अपने क्षेत्र में नशा बिकने नहीं देना और नशा बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करनी है। दूसरा, नशे से ग्रस्त व्यक्ति का इलाज करवाना है। ये दोनों काम हो गए तो गांव तथा वार्ड नशामुक्त हो जाएंगे।