कार्यकुशलता व अच्छे व्यवहार से हासिल सफलता के सोपान
राजेंद्र कुमार शर्मा
प्रत्येक शिक्षित युवा का सपना होता है कि एक अच्छी सी जॉब मिल जाए। अक्सर देखा गया है कि एक बार नौकरी मिलने के बाद, कार्यस्थल पर अपने से वरिष्ठों को मिलने वाले सम्मान और सुविधाओं को देखकर हर युवा के मन-मस्तिष्क में सफलता के उस पायदान पर पहुंचने की इच्छा उत्पन्न होती है जिस पर आज उनके सीनियर्स या बॉस हैं। ऐसे सपने देखने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि कंपनी-संस्थान में या कार्यस्थल पर मिलने वाला एक मोटिवेशन है जो आपको पहले से अधिक क्रियाशील व मेहनती बनाता है। युवा पेशेवर अपने काम और व्यवहार की प्रशंसा के साथ अपनी एक स्वतंत्र पहचान बना सकते हैं।
सौहार्द पूर्ण संबंधों को तरजीह
प्रमोशन हेतु अपने सहकर्मियों,अपने से वरिष्ठों और कनिष्ठों से भी आपके संबंध सौहार्दपूर्ण होने चाहिए। इन सबके साथ सम्मानजनक व्यवहार अपनाएं। किसी तरह की बहस में न पड़ें। जरूरत पड़ने पर ही अपनी उपयुक्त टिप्पणी दें। अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ कर्मियों से सौहार्दपूर्ण संबंध सदैव सहायक होते हैं। अच्छे संबंधों का अर्थ किसी से घनिष्ठता और किसी से दूरी बनाना नहीं होता क्योंकि इससे आपके नाम के साथ नकचढ़ा जैसे उपनाम जुड़ सकते हैं।
समय पर काम
जहां भी आप कार्यरत हों, वहां आज का काम कल पर छोड़ने की आदत को त्याग दें। क्योंकि आज का काम कल पर छोड़ने वाले कर्मचारी कंपनी या संस्थान की पूरी कार्यप्रणाली को धीमा कर देते हैं जिससे कंपनी की सकल उत्पादकता प्रभावित होती है। ऐसे में आप पदोन्नति की अपेक्षा नहीं रख सकते। कंपनी आपको जितना सैलरी के रूप में पैसा देती है उसके बदले में वह आपसे ज्यादा नहीं तो कम से कम उतने ही लाभ की अपेक्षा तो कर ही सकती है। प्रोजेक्ट को समय पर पूरा न करने पर आपकी बनी-बनाई छवि खराब हो सकती है।
प्रेजेंटेशन स्किल सीखें
यदि आप अपने संस्थान या कंपनी के लाभ हेतु कुछ करते हैं या फिर संस्थान की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाते हैं, अपने इन सकारात्मक प्रयासों को अपने सीनियर्स या बॉस के सामने प्रस्तुत करने का कौशल आपमें होना आवश्यक है। जिससे कंपनी के जिम्मेदार लोग आपकी प्रशंसा किए बिना न रह पाएं। जितने प्रयास करें उन्हें प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें। व कंपनी को होने वाले लाभों पर विशेष जोर दें। हां, अपने प्रयासों में दिखावे को न आने दें। आपके प्रस्तुतीकरण में आपका स्वार्थ नहीं बल्कि आपकी कर्तव्यनिष्ठा ही दिखाई दे।
सकारात्मक विचारों से हों ओतप्रोत
सदैव पॉजिटिविटी से भरे रहने का अर्थ है अपने चारों ओर के आभा मंडल को प्रभावी बनाना और जो भी उस प्रभावी आभा मंडल में आए , आपसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता वह चाहे आपका वरिष्ठ हो या कनिष्ठ सहकर्मी। सभी के प्रति सकारात्मक सोच और पॉजिटिव संबंध आपकी पदोन्नति में सहायक बन सकते हैं। दोष और दावों से अपने को दूर रखें। अपने जूनियर्स के प्रति सहयोगात्मक रवैया रखें। उन्हें प्रोडक्टिव बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने कार्य और संबंधों के प्रति सम्मान और सकारात्मक दृष्टिकोण रखिए।
नया सीखने के लिए तत्परता
आधुनिक युग में हर क्षेत्र में नवीन ज्ञान जुड़ रहा है और व्यक्ति को समय के साथ स्वयं को अपडेट करना आवश्यक है। पदोन्नति के लिए कुछ नया सीखने के लिए तत्पर रहना आपकी सफलता की गारंटी की तरह काम करता है। सक्सेस ऐसे ही कर्मचारियों को मिलती है जो क्रियाशील और मेहनती होते हैं। कार्यस्थल की योजनाओं को मेहनत से पूरा करें ताकि आप अपनी टीम के एक महत्वपूर्ण एसेट के रूप में सबकी निगाहों में आ सकें।
टीम वर्क को बनाएं अपनी ताकत
आज सभी कार्यों की सफलता के पीछे टीम वर्क एक महत्वपूर्ण कारक होता है। दरअसल, टीम में सभी सदस्यों का क्रियाशील रहना आवश्यक है। यदि कोई सदस्य कुछ सुस्त भी है तो उसको प्रोत्साहित करके एक्टिव बनाना तथा उसके कार्य में सहयोग कर सभी डैड लाइन्स को पूरा करना टीम वर्क का ही हिस्सा है। टीम वर्क में आवश्यकता होती है अच्छे संबंधों और धैर्य की। सभी के साथ मिलकर, अपने-अपने कौशल और क्षमता के अनुसार काम करें। व्यवहार में सौम्यता और मधुरता रखें।
जिम्मेदारी लेने, पहल करने का गुण
कई युवा उच्च पदों पर पहुंचने की अभिलाषा तो रखते हैं पर जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं। जैसे एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती उसी तरह से पदोन्नति की अभिलाषा और जिम्मेदारियां लेने से परहेज साथ-साथ नहीं चल सकते। जिस काम की जिम्मेदारी दी जाए, उसे पूरा करें। कार्यस्थल पर जिम्मेदारियों का इंतजार मत करिये बल्कि स्वयं आगे बढ़ कर अपने सीनियर्स से उन्हें लीजिए। ये आदत आपकी एक कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति की छवि बनाने में मददगार होगी।