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भारत-चीन युद्ध के शहीद दलीप सिंह परमार की प्रतिमा का अनावरण

07:50 AM Sep 01, 2023 IST
भारत चीन युद्ध के शहीद दलीप सिंह परमार की प्रतिमा का अनावरण
भिवानी के गांव सैय में शहीद परिवार के परिजन कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों को सम्मानित करते हुए। -हप्र

भिवानी, 31 अगस्त (हप्र)
वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारतीय सैनिकों ने वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन देश को बुरी तरह से परास्त किया था। लेकिन उस युद्ध में भारत ने अपने अनेक वीर सपूतों को खो दिया था, आश्चर्य की बात है कि युद्ध के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी बहुत से ऐसे शहीद सैनिक हैं, जिनकी प्रतिमा का आज तक अनावरण नहीं हो सका। वर्ष 1962 के युद्ध के अमर शहीद ठाकुर दलीप सिंह परमार भी उन्ही शहीदों में से एक हैं, जिनकी प्रतिमा का अनावरण इतने बाद गांव सैय में उन्हीं की बेटी सुशीला ने किया। जिले के गांव सैय में समस्त शहीद परिवारों द्वारा रक्षक फाउंडेशन के बैनर तले कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी कुंवर रवि चौहान गोठड़ा, अति विशिष्ट अतिथि कमांडिंग अधिकारी 11 हरियाणा एनसीसी बटालियन कर्नल रणधीर सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा. मयंक गुप्ता, वरिष्ठ समाज सेविका निर्मला परमार, राष्ट्रीय सम्मान ट्रस्ट संस्थापक नेत्रपाल तंवर, समाजसेवी ठाकुर अनुपाल तंवर, बालाजी स्कूल कलिंगा के प्राचार्य पवन शर्मा ने शिरकत की। इस मौके पर शहीद दलीप सिंह परमार के परिजनों एवं समस्त ग्रामीणों ने रक्षक फाउंडेशन सहित अन्य संस्थाओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि कुंवर रवि चौहान गोठड़ा ने कहा कि हम शहीदों का कर्ज कभी भी नहीं उतार सकते, क्योंकि शहीदों के त्याग एवं बलिदान की बदौलत ही आज हम अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं। उन्होंने मंच के माध्यम से युवाओं से आत्मनिर्भर बन समाज व राष्ट्र की तरक्की में योगदान देने का आह्व़ान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी लेने की नहीं, बल्कि देने की दौड़ में भागना चाहिए तथा स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए। इस मौके पर 11 हरियाणा एनसीसी बटालियन के कमांडिंग अधिकारी कर्नल रणधीर सिंह ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति पर शहीदों का कर्ज है तथा उस कर्ज को चुकाया नहीं जा सकता, लेकिन शहीदों के परिजनों की सेवा हम शहीदों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर सकते हैं। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वे शहीदों के परिजनों को सम्मान दे।

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