सोनीपत चीनी मिल ने किसानों के साथ किया 32 लाख क्विंटल गन्ने का करार
सोनीपत, 9 नवंबर (हप्र)
सोनीपत चीनी मिल प्रशासन ने किसानों के साथ गन्ने का करार पूरा कर लिया है। आगामी पिराई सत्र के लिए इस बार 32 लाख क्विंटल गन्ने का करार किया गया है। मिल क्षेत्र में करीब 14 हजार एकड़ भूमि पर गन्ना बोया गया है और करार प्रक्रिया मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड के आधार पर की गई है।
गन्ने का करार पिराई सत्र शुरू करने से पहले अनिवार्य होता है। इसके द्वारा मिल प्रशासन पूरे पिराई सत्र की रूपरेखा तैयार करता है और किसानों को यह आश्वासन मिलता है कि उनका गन्ना समय पर पिराई के लिए मिलेगा। आमतौर पर अक्तूबर माह में यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में मिल कर्मचारियों की ड्यूटी लगने के कारण करार प्रक्रिया में देरी हुई।
सोनीपत चीनी मिल में रिपेयरिंग का काम अंतिम चरण में है। अधिकारियों के अनुसार, 14 नवंबर के बाद कभी भी पिराई सत्र की शुरुआत हो सकती है। मिल प्रशासन का प्रयास है कि एक बार मिल शुरू हो जाने के बाद गन्ना नियमित और पर्याप्त मात्रा में मिल तक पहुंचे, ताकि दीपावली और छठ पूजा जैसे त्योहारों के कारण गन्ना उत्पादक किसानों को लेबर की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, उच्च तापमान की स्थिति में रिकवरी रेट भी प्रभावित हो सकता है। मिल प्रशासन का अनुमान है कि सप्ताह भर में सत्र शुरू किया जा सकता है, ताकि तापमान में कमी आने से रिकवरी रेट में सुधार हो सके।
"सोनीपत चीनी मिल में जल्द ही पिराई सत्र की शुरुआत की जाएगी। रिपेयरिंग का काम अपने अंतिम चरण में है और गन्ने की बॉडिंग भी किसानों के साथ पूरी की गई है। इस बार 32 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की गई है। किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।"
-अभय सिंह, एमडी, सोनीपत चीनी मिल