बहनो और भाइयो... अब यादों में ही रहेगी वह आवाज
मुंबई, 21 फरवरी (एजेंसी)
जाने-माने रेडियो प्रस्तोता अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में यहां निधन हो गया। उनके बेटे राजिल सयानी ने यह जानकारी दी। रेडियो सुनने का शौक रखने वाले लोगों के कानों में आज भी सयानी की आवाज ‘नमस्कार बहनो और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजती है। सयानी का यह अभिवादन 1952 से 1988 तक रेडियो सीलोन पर हर बुधवार को अनगिनत घरों में प्रसारित होता था।
मुबंई के एक बहुभाषी परिवार में 21 दिसंबर, 1932 को जन्मे सयानी ने 42 वर्षों में 50,000 से अधिक कार्यक्रमों का संचालन किया और उन्हें अपनी आवाज दी। सयानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘रेडियो पर अमीन सयानी की मखमली आवाज में एक आकर्षण और गर्मजोशी थी... उन्होंने भारतीय प्रसारण में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और श्रोताओं के साथ मधुर संबंध स्थापित किया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार, प्रशंसकों और सभी रेडियो प्रेमियों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।’ सयानी के निधन पर टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन] कांग्रेस नेता जयराम रमेश समेत अनेक लोगों ने भी शोक जताया। सयानी को बचपन से ही लिखने का शौक था और महज 13 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपनी मां की पाक्षिक पत्रिका ‘रहबर’ के लिए लिखना शुरू कर दिया था। उसी दौरान वह अंग्रेजी भाषा में एक कुशल प्रस्तोता बन गए थे और उन्होंने आकाशवाणी मुंबई की अंग्रेजी सेवा में बच्चों के कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया था।
आवाज में था गुजराती लहजा, नहीं हो पाया आकाशवाणी में चयन
ग्वालियर से पढ़ाई पूरी करने के बाद सयानी ने मुंबई में आकाशवाणी की हिंदी सेवा के लिए ‘ऑडिशन’ दिया, लेकिन उनकी आवाज़ में गुजराती लहजा होने के कारण उनका चयन नहीं हो सका। जब तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री बी वी केसकर ने आकाशवाणी से हिंदी फिल्मों के गानों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया तो रेडियो सीलोन लोकप्रिय होने लगा। सयानी को दिसंबर 1952 में रेडियो सीलोन पर ‘बिनाका गीतमाला’ पेश करने का मौका मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।