For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

Pune Porsche Car Accident: मां से बदला गया था नाबालिग बेटे का ब्लड सैंपल, पूछताछ के बाद मां गिरफ्तार

02:20 PM Jun 01, 2024 IST
pune porsche car accident  मां से बदला गया था नाबालिग बेटे का ब्लड सैंपल  पूछताछ के बाद मां गिरफ्तार
प्रतीकात्मक फोटो। फाइल
Advertisement

पुणे, एक जून (भाषा)

Pune Porsche Car Accident: पुणे पुलिस ने ‘पोर्श' कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी की मां को गिरफ्तार कर लिया है। उसे आज अदालत में पेश किया जा सकता है। शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी।

Advertisement

नाबालिग की मां को इस बात की पुष्टि होने के बाद गिरफ्तार किया गया कि किशोर का ब्लड सैंपल उसके ब्लड सैंपल से बदले गए थे। पुलिस ने अपनी जांच के तौर पर नाबालिग से उसकी मां की मौजूदगी में उस सुधार गृह में एक घंटे तक पूछताछ की जहां उसे पांच जून तक रखा गया है।

पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने दुर्घटना की जांच का हवाला देते हुए बताया कि किशोर के रक्त नमूने उसकी मां के रक्त नमूने से बदले गए थे। पुलिस ने दो दिन पहले एक स्थानीय अदालत में कहा था कि किशोर के रक्त के नमूने एक महिला के रक्त के नमूने से बदले गए थे।

Advertisement

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकवडे ने पुलिस के नाबालिग से पूछताछ करने से पहले कहा, ‘‘हम नाबालिग से उसकी मां की मौजूदगी में सुधार गृह के भीतर पूछताछ करेंगे।''

किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने नाबालिग से पूछताछ करने के लिए शुक्रवार को पुलिस को अनुमति दी थी। किशोर न्याय अधिनियम के तहत किसी नाबालिग से पूछताछ उसके माता-पिता की उपस्थिति में ही की जा सकती है।

पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श' कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गयी थी।

पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले में नाबालिग के पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

शुक्रवार को एक अदालत ने नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त हो गयी थी। पुलिस ने नाबालिग के रक्त नमूने बदलने के आरोप में ससून जनरल हॉस्पिटल के फॉरेंसिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घाटकाम्बले को गिरफ्तार किया था।

पुलिस का आरोप है कि उन्होंने यह दिखाने के लिए रक्त के नमूने बदले कि आरोपी दुर्घटना के वक्त नशे की हालत में नहीं था। पुलिस के अनुसार, शराब की जांच के लिए नमूने एकत्रित किए जाने के दौरान विशाल अग्रवाल और गिरफ्तार चिकित्सकों में से एक डॉ. अजय तावड़े के बीच फोन पर कई बार बातचीत हुई थी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले बताया था कि डॉ. हलनोर और घाटकाम्बले को रक्त नमूने बदलने के लिए डॉ. तावड़े से कुल तीन लाख रुपये मिले थे। पुलिस ने रक्त नमूनों की कथित तौर पर अदला-बदली के संबंध में विशाल अग्रवाल की हिरासत के लिए शुक्रवार को एक अर्जी दायर की।

जेजेबी ने 19 मई को दुर्घटना के कुछ घंटों बाद रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे को जमानत दे दी थी। उसने नाबालिग से सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था जिसकी काफी आलोचना हुई।

देशभर में आलोचना के बीच पुलिस ने फिर जेजेबी का रुख किया जिसने आदेश में बदलाव किया और नाबालिग को पांच जून तक सुधार गृह में भेज दिया। जेजेबी के एक सदस्य द्वारा नाबालिग को जमानत दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जेजेबी के उन सदस्यों के आचरण की जांच के लिए एक समिति गठित की, जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की गई थी।

समिति यह भी देखेगी कि पुणे कार दुर्घटना मामले में आदेश देते वक्त क्या नियमों का पालन किया गया। महिला एवं बाल विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने पहले बताया था कि एक उपायुक्त की अध्यक्षता वाली यह समिति अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Advertisement
×