खतरे की बड़ी रेखा पार कर रहे सिख अलगाववादी समूह
ओटावा, 8 मई (एजेंसी)
भारत-कनाडा संबंधों में राजनयिक तनाव के बीच यहां भारत के उच्चायुक्त ने चेतावनी दी है कि कनाडा में सिख अलगाववादी समूह ‘खतरे की बड़ी रेखा’ को पार कर रहे हैं, जिसे नयी दिल्ली राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे के रूप में देखती है।
सीटीवी न्यूज की खबर के अनुसार भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने थिंकटैंक ‘मांट्रियल काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स’ से कहा, ‘भारत की दशा भारतीय तय करेंगे, विदेशी नहीं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध कुल मिलाकर सकारात्मक हैं, भले ही उन्हें लेकर ‘बहुत हंगामा’ हो रहा है। वर्मा ने यह भी कहा कि दोनों देश इस मुद्दे का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी दिन बातचीत के लिए बैठने को तैयार हैं और हम ऐसा कर रहे हैं।’
वर्मा ने कहा कि हालिया नकारात्मक घटनाक्रम के पीछे की गहरी समस्याएं ‘दशकों पुराने मुद्दों’ के बारे में कनाडा की गलतफहमी से जुड़ी हैं, जिन्हें फिर से उभरने के लिए वह भारतीय मूल के कनाडाई लोगों को दोषी मानते हैं। वर्मा ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता ‘कनाडा की भूमि से उत्पन्न होने वाले राष्ट्रीय-सुरक्षा संबंधी खतरों’ को लेकर है।
सुनवाई में सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक रहे मौजूद
खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में गिरफ्तार तीन भारतीय नागरिकों को कत्ल के आरोपों का सामना करने के लिए पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कनाडा की एक अदालत में पेश किया गया। ‘वैंकूवर सन’ अखबार ने बताया कि आरोपी करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को सुरे की खचाखच भरी प्रांतीय अदालत में अलग-अलग पेश किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सैकड़ों खालिस्तानी समर्थक अदालत कक्ष में मौजूद थे। अदालत कक्ष के बाहर 100 से अधिक लोगों ने सिख अलगाववाद के समर्थन वाले और खालिस्तानी झंडे लहराए। कनाडाई नागरिक निज्जर (45) की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी।
भारत ने आतंकवाद रोधी कोष में दिए 5 लाख डॉलर
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कोष में पांच लाख डॉलर का योगदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कम्बोज ने एक बयान में कहा, ‘भारत आतंकवाद के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सदस्य देशों की क्षमता निर्माण में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी कार्यालय के निर्णय और कार्यों को बहुत महत्व देता है। नवीनतम योगदान आतंकवाद के संकट के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले बहुपक्षीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’ बयान में कहा गया कि भारत के योगदान से संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कार्यालय के वैश्विक कार्यक्रम को मदद मिलेगी, विशेषकर आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने और आतंकवादियों की आवाजाही से निपटने में।