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जजपा के पांच विधायकों को जारी हो सकते हैं कारण बताओ नोटिस

07:55 AM Mar 15, 2024 IST
जजपा के पांच विधायकों को जारी हो सकते हैं कारण बताओ नोटिस
चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को जजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए। 
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 14 मार्च
जननायक जनता पार्टी (जजपा) पार्टी के पांच विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है। बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बहुमत हासिल किया था। जजपा के चीफ व्हिप व जुलाना से विधायक अमरजीत सिंह ढांडा द्वारा व्हिप जारी करके पार्टी विधायकों को भाजपा के विश्वास प्रस्ताव के चलते विधानसभा से अनुपस्थित रहने के निर्देश दिए थे।
हालांकि पांच विधायकों – टोहाना से देवेंद्र सिंह बबली, गुहला से ईश्वर सिंह, नारनौंद से रामकुमार गौतम, बरवाला से जोगीराम सिहाग और नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिया था। लेकिन सीएम नायब सिंह सैनी ने जैसे ही सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया तो पांचों विधायक सदन से बाहर निकल गए थे। प्रस्ताव के ध्वनिमत से पास होने तक पांचों ने सदन में एंट्री नहीं की।
इसी दिन जजपा की ओर से हिसार में ‘नवसंकल्प’ रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सहित जजपा के चार विधायक मौजूद रहे। इनमें शाहाबाद से रामकरण काला, उकलाना से अनूप धानक व जुलाना से अमरजीत सिंह ढांडा शामिल हैं। बाढ़डा विधायक नैना सिंह चौटाला रैली में नहीं पहुंचीं। वहीं बाकी के पांचों विधायक रैली में जाने की बजाय चंडीगढ़ में विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में भाग ले रहे थे।
इस बीच, बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ स्थित जजपा कार्यालय में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह की मौजूदगी में पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक हुई। बैठक में लोकसभा चुनावों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में निशान सिंह ने कहा कि व्हिप के उल्लंघन को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। जांच कराई जाएगी कि कौन-कौन से विधायक विश्वास मत पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद थे। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में तय किया गया कि लोकसभा चुनावों पर अंतिम फैसला लेने से पहले सभी पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा। ऐसे में चंडीगढ़ में लगातार तीन दिन तक पार्टी नेताओं की बैठकें आयोजित होंगी। पदाधिकारियों से चर्चा के बाद ही तय किया जाएगा कि लोकसभा में किस-किस सीट पर प्रत्याशी उतारे जाने हैं। मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर दुष्यंत चौटाला ने सभी जिला अध्यक्षों और प्रकोष्ठों के प्रदेश प्रभारियों व प्रदेश अध्यक्षों के साथ चर्चा की।

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गठबंधन टूटने के बाद पहली बार मिले मनोहर और दुष्यंत चौटाला

हरियाणा में भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन टूटने के बाद बृहस्पतिवार को पहली बार पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच बैठक हुई। सीएम आवास में हुई यह बैठक करीब आधा घंटा चली। इसे शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। दरअसल, दोनों ने मिलकर चार साल साढ़े चार महीने से अधिक समय तक सरकार चलाई। ऐसे में दोनों के बीच इस तरह की मुलाकात स्वाभाविक भी थी। यहां बता दें कि पूर्व सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम ने अब सरकारी आवास खाली करने की भी तैयारी कर ली है। 12 मार्च को मनोहर लाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के तुरंत बाद दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली से ही सरकारी गाड़ियां और सिक्योरिटी लौटा दी थी। मनोहर लाल यह पहले ही कह चुके हैं कि वे अगले दो-तीन दिन में मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- हमने नहीं तोड़ा गठबंधन

भाजपा से गठबंधन टूटने के बावजूद नरम रुख अपना रही जजपा ने साफ किया है कि पार्टी ने गठबंधन नहीं तोड़ा। सरदार निशान सिंह ने कहा कि जजपा ने भाजपा के केंद्रीय नेताओं से भिवानी-महेंद्रगढ़ और हिसार लोकसभा सीट की मांग की थी। कोई सीट नहीं देने पर बुजर्गों-दिव्यांगों और महिलाओं की पेंशन 5100 रुपये करने का भी सुझाव दिया था। परंतु उन्होंने गठबंधन खत्म करने का फैसला ले लिया। रही बात मिलीभगत की तो आने वाला समय अपने आप बता देगा कि कौन किसके साथ मिला है।

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