मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

सीवर सफाई या मौत से लड़ाई!

07:09 AM Jul 02, 2024 IST
करनाल में रेलवे रोड पर सीवरेज के अंदर जान जोखिम में डालकर मैन्युअल तरीके से सफाई करते कर्मी। -हप्र
Advertisement

रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 1 जुलाई
शहर की सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारी सफाई कर्मियों से अमानवीय कार्य करवाने से भी गुरेज नहीं कर रहे। सीवर सफाई के लिए उनकी जिंदगी को जोखिम में डाला जा रहा है। हम बात कर रहे हैं नगर निगम करनाल की, जहां सफाई कर्मचारियों से बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवरेज को नंगे हाथों साफ करवाया जा रहा है। जहरीली गैसों से भरे सीवरेज में बिना सुरक्षा उपकरणों के उतरना मौत से जंग के समान है।
‘मैनुअल स्कैवेंजिंग कानून 2013’ और सुप्रीम कोर्ट के अक्तूबर 2023 के आदेश के अनुसार किसी भी सफाई कर्मचारी को बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर-सेप्टिक टैंक में उतारना दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद करनाल नगर निगम के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। इसका खमियाजा मजबूर कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। सीवर में बिना सुरक्षा उपकरण सफाई करने वाले विभिन्न जहरीली गैसों के संपर्क में आते हैं। इनमें हाइड्रोजन डाईसल्फाइड, कार्बन ऑक्साइड, अमोनिया और मीथेन शामिल हैं। इन गैसों के संपर्क में आने से दृष्टि हानि, श्वसन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि दौरे भी पड़ सकते हैं। हाइड्रोजन डाईसल्फाइड गैस के कारण दम घुटने से मौत का भी खतरा होता है।
सफाई कर्मचारी आयोग के वाइस चेयरमैन आजाद सिंह ने बताया कि मैन्युअल तरीके से सीवरेज की सफाई करवाने पर पूरी तरह बैन है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी सूचना सफाई कर्मचारी आयेाग को दें, कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तो सीवरेज की सफाई के लिए मशीनें आ चुकी हैं। नगर निगम के एक्सईएन सतीश ने कहा कि सीवरेज लाइन की सफाई मशीनों से करवाई जाती है, अगर कभी जरूरत पड़ती है तो ऑपरेटर के साथ सफाईकर्मी सुरक्षा उपकरणों के साथ जाता है। उन्होंने कहा कि सीवर में मैन्युअल तरीके से काम करवाने के बारे में जानकारी नहीं है, इस बारे में पता किया जाएगा।

एक साल में 19 की गयी जान

''सफाई कर्मचारी या अन्य किसी से भी मैन्युअल तरीके से सीवरेज की सफाई करवाना गैरकानूनी है। ऐसा करवाने वाला चाहे ठेकेदार हो या अधिकारी, उसे सजा हो सकती है। सफाई कर्मचारी मजबूरी के चलते सीवरेज में उतरकर हाथों से सफाई करते हैं, ऐसा अमानवीय काम उन्हें रोजी-रोटी के लिए करना पड़ता है। डर के कारण वे सुरक्षा उपकरण भी नहीं मांग पाते। यह काम करते हुए हरियाणा में एक साल में 19 मौतें हो चुकी हैं। - राजकुमार बोहट, राज्य संयोजक, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आंदोलन

Advertisement

Advertisement
Tags :
‘मैनुअल स्कैवेंजिंग कानून 2013’कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बादसीवर सफाई
Advertisement