झाड़ साहिब कॉलेज में सेमिनार
समराला, 29 मार्च (निस)
गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज फॉर वुमन, झाड़ साहिब की आई.क्यू.ए.सी. इकाई की ओर से शिक्षकों के लिए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘रोजगार ब्यूरो, लुधियाना’ के करियर काउंसलर अनुज किशोर दत्ता ने ‘छात्रों की मनोविज्ञानिकता’ विषय पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न मानसिक चुनौतियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समाज के अन्य लोगों की तरह छात्र भी विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक तनावों की चपेट में आ जाते हैं। इसके कारण उनके व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है और पढ़ाई व अन्य गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में उनकी रुचि कम हो जाती है। ऐसे हालात में शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। एक शिक्षक को ऐसे छात्रों का कम से कम छह महीने तक निरंतर निरीक्षण करना चाहिए। यदि छात्र के व्यवहार में छह महीने तक भी कोई बदलाव नहीं आता, तो उसकी काउंसलिंग करवाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। ऐसे छात्रों को बहुत संवेदनशीलता से संभालने की जरूरत होती है और उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। छात्र के माता-पिता की काउंसलिंग करना भी जरूरी होता है, ताकि वे समझ सकें कि उनके बच्चे को उचित मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता है। दत्ता ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से शिक्षकों को इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी।