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कांटे के मुकाबले में फंसी हरियाणा के दिग्गज नेताओं की सीटें

11:53 AM Sep 23, 2024 IST
कांटे के मुकाबले में फंसी हरियाणा के दिग्गज नेताओं की सीटें
विनेश फोगाट, कविता दलाल
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 सितंबर
हरियाणा विधानसभा के चुनावों में हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर साफ-साफ दिख रहा है। लोकसभा की दस सीटों में से पांच पर भाजपा और इतनी पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यही कारण हैं कि प्रदेश की 70 के करीब सीटों पर आमने-सामने की टक्कर बनी हुई है। बाकी सीटों में से कई जगह त्रिकोणीय मुकाबला नज़र आ रहा है। प्रदेश के दिग्गज नेताओं के निर्वाचन क्षेत्रों यानी हॉट सीटों पर भी कांटे की टक्कर बनी हुई है।
चुनावी नतीजे चाहे कुछ भी हों, लेकिन इस बार के चुनाव दिलचस्प होते जा रहे हैं। नारायणगढ़ से 2014 में पहली बार विधायक बने और मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य मंत्री रहे नायब सिंह सैनी ने 2019 में कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से चुनाव लड़ा। वे पहली बार में ही संसद पहुंचने में कामयाब रहे। 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर को हटाकर भाजपा ने उनकी जगह नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। इस बार नायब सिंह सैनी नारायणगढ़ की जगह लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। लाडवा में चुनावी मुकाबला रोचक बना हुआ है। कांग्रेस के मौजूदा विधायक मेवा सिंह के अलावा पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी की पुत्रवधू सपना बड़शामी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया हुआ है। ऐलनाबाद में इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल ने अभय की मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। यहां से उपचुनाव लड़ चुके पवन बेनीवाल कांग्रेस छोड़कर इनेलो में आ चुके हैं। भाजपा के अमीर चंद मेहता फिलहाल पिछड़ते दिख रहे हैं।
जींद जिला की उचाना कलां सीट बहुकोणीय मुकाबले में फंसी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने उनके मुकाबले ब्राह्मण कार्ड चलते हुए देवेंद्र अत्री को प्रत्याशी बनाया हुआ है। मौजूदा विधायक व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में डटे हैं। इसी तरह से कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र घोघड़िया चुनावी समीकरण बिगाड़ रहे हैं। रोहतक की सीट पर एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस में आमने-सामने की टक्कर बनी हुई है। कांग्रेस के मौजूदा विधायक भारत भूषण बतरा के मुकाबले भाजपा ने पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर को टिकट दिया है। ग्रोवर का यह लगातार छठा चुनाव है। बड़ी बात यह है कि इस सीट पर दोनों ही प्रत्याशियों के खिलाफ 2019 के चुनावों की तरह एंटी-इन्कमबेंसी है। बतरा की गिनती पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीकियों और ग्रोवर की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबियों में होती है।
चरखी दादरी विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान को उम्मीदवार बनाया है। सुनील सांगवान जेल विभाग में जेल अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। साढ़े 22 वर्षों से अधिक की सर्विस के बाद वीआरएस लेकर वे राजनीत में कूदे हैं। वहीं कांग्रेस ने नये चेहरे के रूप में डॉ. मनीष सांगवान को उनके मुकाबले चुनावी मैदान में उतारा है। फिलहाल इस सीट पर आमने-सामने की टक्कर है, लेकिन कांग्रेस के बागी के अलावा इनेलो-बसपा गठबंधन व जजपा उम्मीदवार समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
अहीरवाल की हॉट सीट अटेली पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पसीने बहाने पड़ रहे हैं। उनकी बेटी आरती सिंह राव यहां से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव अनिता यादव को टिकट दिया है। इस सीट पर बसपा-इनेलो गठबंधन उम्मीदवार ठाकुर अत्तर लाल ने समीकरण बिगाड़े हुए हैं। 2019 के चुनावों में बसपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके अत्तर लाल ने कांग्रेस की जमानत जब्त करवा दी थी। वे भाजपा के सीताराम यादव के मुकाबले दूसरे नंबर पर रहे। इस बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है।

जुलाना में भिड़ रहीं दो पहलवान

हरियाणा के जींद की जुलाना सीट पर इस बार अकेले हरियाणा नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों की भी नजऱें हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ नई दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन करने वाली ओलंपियन विनेश फोगाट कांग्रेस टिकट पर जुलाना से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने उनके मुकाबले डब्ल्यूडब्ल्यूई की पहली भारतीय पहलवान कविता दलाल को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने बैकवर्ड कार्ड खेलते हुए कैप्टन योगेश बैरागी को अपना उम्मीदवार बनाया हुआ है। भाजपा से टिकट कटने के बाद बागी हुए सुरेंद्र लाठर इनेलो-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं। इसी तरह यहां से जजपा के मौजूदा विधायक अमरजीत सिंह ढांडा भी चुनावी मैदान में डटे हैं। जुलाना सीट पर हर किसी की नज़र इसलिए है क्योंकि हालिया ओलंपिक में गोल्ड मेडल के नजदीब से वापस लौटी विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं।

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गब्बर के सामने बड़ा चैलेंज

अनिल विज , परमिंदर परी, चित्रा सरवारा

अम्बाला कैंट में पांच बार के विधायक व पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ‘गब्बर’ की मुश्किलें इस बार कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रही चित्रा सरवारा बढ़ा रही हैं। हालांकि विज का इलाके में प्रभाव आज भी कम नहीं हुआ है। कांग्रेस के परमिंदर पाल सिंह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। फिलहाल कैंट में अनिल विज और चित्रा में सीधी भिड़ंत ही दिख रही है।

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