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भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों में हाथापाई

07:09 AM Dec 25, 2024 IST
चंडीगढ़ में मंगलवार को नगर निगम की बैठक में कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों में जमकर बहस व हाथापाई हुई। -दैनिक ट्रिब्यून

एस अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 24 दिसंबर
चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में जमकर हाथापाई हुई। जानकारी के अनुसार नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह जैसे ही सदन में आप और कांग्रेस के पार्षद उन्हें देखकर 'वोट चोर' कहने लगे और नारेबाजी करने लगे। निगम सदन की बैठक में मसीह के मुद्दे पर हंगामा हो गया। यहां बात इतनी बिगड़ गई कि हाथापाई तक की नौबत आ गई। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी से भाजपा पार्षदों ने धक्कामुक्की की। ऐसे में बात बिगड़ती देख मेयर कुलदीप कुमार ने 10 मिनट का ब्रेक देकर मीटिंग को स्थगित कर दिया।
दरअसल आप और कांग्रेस की तरफ से लगातार अनिल मसीह के पोस्टर लहराकर उन्हें वोट चोर कहा जा रहा था और इस संबंध में नारे लगाए जा रहे थे। इस पर अचानक अनिल मसीह निगम के वेल में आए और उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस के कई नेता, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जमानत पर हैं। इसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी उनके पास आए और मसीह के पोस्टर को दोबारा से लहराना शुरू कर दिया। भाजपा के पार्षदों ने पोस्टर को छीनने की कोशिश की, जिसके बाद धक्कामुक्की हुई। बात इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत सिंह और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस हुई। गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद ने उनके हाथ से पोस्टर को छीनने की कोशिश की।
चंडीगढ़ कांग्रेस ने चंडीगढ़ नगर परिषद के मनोनीत पार्षद अनिल मसीह को निगम से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की है। चंडीगढ़ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि जब अनिल मसीह सदन की बैठक में आते हैं और वहां आकर हंगामा करते हैं, तो चंडीगढ़ निवासियों के जेहन में पिछले मेयर चुनाव की दुर्भाग्यपूर्ण यादें ताजा हो जाती हैं, जब मतगणना के दौरान उनके द्वारा खुलेआम वोट चोरी करने के कारण चंडीगढ़ शहर की दुनिया भर में बदनामी हुई थी।

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नारेबाजी से हुई बैठक की शुरूआत
बैठक की शुरुआत में कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान के लिए माफी की मांग की। कांग्रेस और आप के पार्षदों ने शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रस्ताव पारित करने की मांग की। इसके अलावा, आप और कांग्रेस पार्षदों ने बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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