सावित्री जिंदल ने हिसार से ठोकी ताल, भाजपा प्रत्याशी गुप्ता की बढ़ी मुश्किलें
हिसार, 12 सितंबर (हप्र)
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां एवं देश की सबसे अमीर महिला पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने अपने पूर्व में लिए निर्णय के अनुसार बृहस्पतिवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर भाजपा प्रत्याशी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की मुसीबतें बढ़ा दी है। हिसार नगर निगम के भाजपा की टिकट पर मेयर बनने वाले गौतम सरदाना ने भी डॉ. गुप्ता के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। इससे पूर्व भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन भी डॉ. गुप्ता के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर चुके हैं। हाल ही में पूर्व सांसद सुभाष चंद्रा ने भी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर डॉ. गुप्ता से किनारा कर लिया और साथ न देने की बात कही। नामांकन दाखिल करने के बाद सावित्री जिंदल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने हिसार के विकास और परिवर्तन के लिए हिसार की सेवा करने का संकल्प लिया है। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और उनके विश्वास को बनाए रखने के लिए वह पूरी तरह से समर्पित हैं। निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि हिसार के लोग बड़े ही स्वाभिमानी है, ओर वो थोपे गए विधायक को इस बार सत्ता सौंपने की बजाय घर भेजने का काम करेगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हिसार व हिसार वासियों का बात-बात पर अपमान करने वाले जीत का सपना छोड़कर राजनीति से संन्यास लेने की तैयारी कर ले।
प्रोफेसर संपत भी हुए बागी, नलवा से निर्दलीय प्रत्याशी
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेसी नेता प्रोफेसर संपत्त सिंह भी बागी हो गए हैं और उन्होंने नलवा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। प्रोफेसर संपत सिंह के प्रवक्ता का दावा है कि प्रोफेसर संपत सिंह ने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी है और जीतने के बाद भी कांग्रेस में ही रहेंगे।
हांसी से कांग्रेस नेता पं. सुमन शर्मा भी नाराज़
पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पं सुमन शर्मा ने भी टिकट वितरण से निराश होकर हांसी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है और हांसी से वह जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी थे। कांग्रेस द्वारा टिकट न देने के कारण कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई है, इसलिए उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।