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पौधे बचाओ, अंक पाओ नीति

11:51 AM Jul 05, 2021 IST

रचनात्मक पहल

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हरियाणा सरकार ने ‘पौधे बचाओ, अंक पाओ’ की नीति प्रदेश के स्कूलों में लागू की है जो कि सराहनीय कदम है। लेकिन यह नीति कितनी कारगर साबित होगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। खैर, इससे छात्रों में प्रकृति के प्रति प्रेम तो बढ़ेगा ही पर्यावरण की सुरक्षा का जिम्मा भी छात्रों के कंधे पर होगा। इससे प्रतिस्पर्धा के अवसर बढ़ेंगे किंतु इस नीति में छात्रों को समान अवसर मिलने चाहिए। इस तरह से प्रदेश में प्रदूषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है। साथ ही हमारा पर्यावरण भी शुद्ध होगा।

संदीप कुमार वत्स, चंडीगढ़

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देखभाल पहले हो

स्कूलों में विद्यार्थियों को पौधारोपण के आधार पर अतिरिक्त अंक देने का हरियाणा सरकार का अभियान अच्छी पहल है। मगर, स्कूलों में पहले ही सीमित जगह होती है जो विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए बहुत कम है। इसके लिए स्कूल के साथ-साथ निकटवर्ती पार्क, सड़क, नदी और नालों के किनारों को सुरक्षित तरीके से प्रयोग किया जा सकता है। पौधारोपण पर प्रति वर्ष सरकारें बड़े-बड़े वादे और घोषणाएं जरूर करती हैं, मगर उसकी असलियत सभी जानते हैं। इसलिए पौधारोपण से पहले उचित स्थान, इनके लगाने वालों और देखभाल करने वालों की सही व्यवस्था भी हो।

अशोक कुमार मंडवारिया, नीमच, म.प्र.

मिशन बने

हरियाणा सरकार की ‘पौधे बचाओ, अंक पाओ’ की नीति सराहनीय है। इसे सफल बनाने के लिए बच्चों, अध्यापकों व स्कूल के सभी कर्मचारियों को मिलकर प्रयास करना होगा। इसके अतिरिक्त पौधारोपण अभियान के प्रति समाज में भी जागरूकता लाने की ज़रूरत है। स्कूली बच्चों की सहायता से इस कार्यक्रम को आसानी से घर-घर तक पहंुचाया जा सकता है और बच्चों के अभिभावक भी अपना योगदान दे सकते हैं। यदि सभी संबंधित लोग मिलकर इस कार्यक्रम को एक मिशन के रूप में लें तो सरकार की यह नीति निश्िचत रूप से कारगर सिद्ध हो सकती है।

सतीश शर्मा, माजरा, कैथल

समाज जुड़े

हरियाणा में स्कूली विद्यार्थियों को पौधों की देखभाल करने के बदले अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। इससे पहले भी ऐसी कवायद की जाती रही है परन्तु परिणाम वही ढाक के तीन पात। शिक्षा विभाग ने आठवीं से लेकर स्नातक कक्षाओं तक पर्यावरण शिक्षा विषय लागू किया था और पहली से 12वीं तक नैतिक शिक्षा विषय। बाद में दोनों को ही बंद कर दिया गया। आमजन का पेड़ लगाने एवं उनकी देखभाल के लिए जागरूक होना जरूरी है। इसमें सरकार के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को भी आगे आकर ‘पेड़ बचाओ, पौधे लगाओ’ अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

जगदीश श्योराण, हिसार

सार्थक प्रयास

वृक्षों का महत्व हम सभी भली-भांति जानते हैं फिर भी अपने घरों में लगे पुराने पेड़ों को उखाड़ कर मकान-दुकान बनाते जा रहे हैं। शहर-गांव-देहात में शामलात जगह में लगे पुराने दरख्तों की हालत भी बड़ी खस्ता होती जा रही है। सरकारें वन महोत्सव के दिन पौधे लगाने का प्रयास खूब करती हैं परन्तु पौधे-पेड़ फलते-फूलते कम ही नजर आते हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों को ‘पौधे बचाओ अंक पाओ की नीति’ से प्रोत्साहित कर पेड़-पौधों की सुरक्षा के लिए सरकार की पहल स्वागतयोग्य है।

देवी दयाल दिसोदिया, फ़रीदाबाद

व्यावहारिक हो नीति

स्कूली बच्चों को पौधों को बचाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें अतिरिक्त अंक देने की पहल निश्चित रूप से बहुत ही अच्छी पहल है। भारत के भावी नागरिकों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने का यह तरीका बहुत ही सराहनीय कदम है। इसके साथ ही हमें पश्चिमी देशों का अंधानुकरण करना अब बंद कर देना ही चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस 21 जून को भीषण गर्मी और लू में पौधारोपण का ढोंग न करके दो-चार बारिश होने के बाद मृदु और कोमल मौसम में ही पौधारोपण करना चाहिए।

निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उ.प्र.

पौधों से गुणों का विकास

हरियाणा सरकार द्वारा प्रोत्साहित ‘पौधे बचाओ, अंक पाओ’ की नीति पर्यावरण संरक्षण हेतु एक उत्तम पहल है। इससे बच्चों में पौधों के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी तो वहीं स्वाभाविक रूप से पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के प्रति लगाव भी उत्पन्न होगा। वे बिना किसी लालच के पौधों के विकास में रुचि लेंगे। उन्हें पेड़ों की छाया में बैठना, खेलना, फूल-पत्तियों को निहारना, इन्हें सहेज कर अपनी कॉपियों में रखना अच्छा लगेगा। योग्य अध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन में वे पौधों को उगाएंगे और इन्हें विकसित होते देख कर हर्षित होंगे। इनकी रक्षा करने में उन्हें एक अनूठी उपलब्धि का अहसास होगा। इसके साथ अंकों में बढ़ोतरी उन्हें अनुपम सुख पहुंचाएगी।

शेर सिंह, हिसार

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