सरपंच अब बिना टेंडर करवा सकेंगे 21 लाख तक के काम
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 जुलाई
हरियाणा के सरपंचों के लिए अच्छी खबर है। नायब सरकार ने सरपंचों को बिना टेंडर के 21 लाख रुपये तक के विकास कार्य करवाने की अनुमति दे दी है। सीएम नायब सिंह सैनी ने मनोहर सरकार के एक और फैसले को बदलते हुए सरपंचों को ये अधिकार दिए हैं। मनोहर सरकार के समय सरपंचों की पावर घटाकर उन्हें पांच लाख रुपये तक के विकास कार्य ही बिना टेंडर के करवाने की छूट दी थी। इसके विरोध में सरपंचों के प्रदर्शन भी हुए। लाठीचार्ज हुआ, लेकिन सरकार ने फैसला नहीं बदला था। लोकसभा चुनावों में पंचायत प्रतिनिधियों की नाराजगी की वजह से नुकसान उठा चुकी भाजपा ने अब सरपंचों को पहले से अधिक पावरफुल बना दिया है। सरकार ने सरपंचों को ग्राम पंचायतों के कार्यों के लिए अपनी गाड़ी या टैक्सी से यात्रा के लिए 16 रुपये प्रति किमी के हिसाब से यात्रा भत्ता देने का भी ऐलान किया है। टीए और डीए क्लेम के लिए बिल का अनुमान भी बीडीपीओ के स्तर पर ही हो जाएगा।
साथ ही, तय किया है कि ग्राम पंचायत द्वारा भरत (मिट्टी की लागत) का प्रस्ताव पास करके भेजने पर इसका खर्च भी एस्टीमेट में ही शामिल किया जाएगा।
सीएम सैनी ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित पंचायती राज एवं सरपंच सम्मेलन में ये घोषणाएं की। इस मौके पर पब्लिक हेल्थ मंत्री डॉ. बनवारी लाल, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, विकास एवं पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव, सीताराम यादव, राजेश नागर, निर्मल चौधरी, डॉ. कृष्ण मिढ्ढा व बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग के अलावा पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल व पूर्व विधायक बख्शीश सिंह वर्क मौजूद रहे।
कार्यक्रमों पर खर्च सीमा 30 हजार तक
गांव में स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस या अन्य किसी विशिष्ट अधिकारी या मंत्री के गांव में आगमन पर पंचायत 30 हजार रुपये तक कार्यक्रम पर खर्च कर सकेगी। अभी तक यह सीमा तीन हजार रुपये थी। राष्ट्रीय ध्वज खरीदने या राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने आदि पर खर्च की सीमा को 500 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया गया है।
प्रोटोकॉल सूची में सरपंच
सरकारी कार्यक्रमों में सरपंच के पद को प्रोटोकॉल सूची में शामिल करने का ऐलान भी सीएम ने किया। अब सरपंच के बैठने का स्थान डीसी व एसपी के साथ होगा। जूनियर इंजीनियर द्वारा कई महीनों तक एस्टीमेट नहीं बनाने की समस्या का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरपंच जैसे ही किसी विकास कार्य का पंचायत द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव एचईडब्ल्यू पोर्टल पर डालेगा तो जूनियर इंजीनियर को उसके 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर अपलोड करना होगा।
वकीलों की फीस 6 गुणा तक बढ़ाई
पंचायतों से जुड़े कोर्ट केस में वकीलों की फीस में छह गुणा तक बढ़ोतरी की गयी है। जिला या उपमंडल स्तर पर कोर्ट केस के लिए वकील की फीस 1100 से बढ़ाकर 5500 रुपये की गयी है। वहीं हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए फीस 5500 से बढ़ाकर 33 हजार रुपये की।
सफाई कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ा प्रदेश के सफाई कर्मचारियों के वेतन में 1000 रुपये मासिक की बढ़ोतरी की गयी है। बढ़ी हुई दरें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारियों पर लागू होंगी। साथ ही, सरकार ने पंचायतों को जीईएम पोर्टल से लैपटॉप और प्रिंटर खरीदने की भी मंजूरी दे दी है। हर बड़े टेंडर की सूचना सरपंच को एसएमएस के जरिये भेजी जाएगी। स्टाम्प ड्यूटी और बिजली बिल के सेस का पैसा सीधे पंचायत के खाते में जाएगा।