अखंड भारत के निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल का अहम योगदान : रामचंद्र जांगड़ा
भिवानी, 1 नवंबर (हप्र)
राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जागंड़ा ने कहा कि अखंड भारत के निर्माण में सरदार वल्लभभाई पटेल का अहम योगदान रहा है। उन्होंने 562 रियासतों को एक सूत्र में बांधकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया।
सांसद रामचंद्र जांगङा वीरवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष में स्थानीय भीम स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा से विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि तथा उपायुक्त महावीर कौशिक भी उपस्थित रहे।
सांसद रामचन्द्र ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वी जयंती पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अखंड भारत के निर्माण में चार महापुरुषों का अहम योगदान है। जांगड़ा ने कहा 1947 में देश की आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश में 562 रियासतों की चुनौती को स्वीकार करते हुए उनका एकीकरण कर भारत में जोड़ने का काम किया।
कार्यक्रम में भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 व 35 ए खत्म करके सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। बवानीखेड़ा के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि ने कहा कि देश के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा।
उपायुक्त महावीर कौशिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर हम न केवल राष्ट्रीय एकता को और अधिक मजबूती प्रदान कर सकते हैं बल्कि विकास की बुलंदियों को भी छुआ जा सकता है।
हिसार (हप्र): कांग्रेस भवन में देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार पटेल की जयंती मनाई गई। बृहस्पतिवार 31 अक्तूबर को आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस भवन हिसार पर देश के इन दो महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकताओं और नेताओं शिरकत की और दोनों नेताओं के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला। पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता धर्मवीर गोयत, किसान नेता रणधीर सिंह बामल, पूर्व चेयरमैन हनुमान ऐरन, अजय जाखड़ गगनखेरी, युवा नेता सुरेश पंघाल, महिला नेता सरोज श्योराण, अनूप सिंह सरसाना, सतीश भाटिया आदि मौजूद थे।