रोगियों और उनके परिवारों की मदद कर रहे सारथी के स्वयंसेवक
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 6 जुलाई (हप्र)
पीजीआईएमईआर ने इस साल मई में परियोजना सारथी शुरू की थी। इससे मरीजों की भीड़ के प्रबंधन में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को शामिल किया गया था। इस सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद सेक्टर 11 स्थित सरकारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 20 छात्रों का दूसरा बैच अब इस प्रयास में शामिल हो गया है। इससे मरीजों की देखभाल बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को बल मिला है। परियोजना के परिणाम से उत्साहित पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने कहा कि प्रोजेक्ट सारथी में एनएसएस स्वयंसेवकों की भागीदारी ने हमारे अस्पताल में रोगी प्रबंधन प्रक्रिया में काफी सुधार किया है। उनके समर्पण और उत्साह ने न केवल हमारे चिकित्सा कर्मचारियों पर बोझ कम किया है, बल्कि रोगियों और उनके परिवारों को अमूल्य सहायता भी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक रोगी पंजीकरण में सहायता करते हैं, उन्हें विभिन्न विभागों में मार्गदर्शन करते हैं। उप निदेशक (प्रशासन) पंकज राय ने कहा कि प्रोजेक्ट सारथी हमारे
लिए एक गेम-चेंजर रहा है। एनएसएस स्वयंसेवक एक नया दृष्टिकोण और ऊर्जा लाते हैं। जैसे-जैसे परियोजना विकसित होती जा रही है। यह रोगी देखभाल और सामुदायिक सेवा में नए मानदंड स्थापित करने का वादा करती है।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने कहा-यह पहल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में समुदाय और छात्र भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। एनएसएस स्वयंसेवक न केवल व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि हमारे रोगियों की भलाई में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। 20 छात्रों का दूसरा बैच अब अपने पूर्ववर्तियों द्वारा रखी गई ठोस नींव पर निर्माण करते हुए परियोजना में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
डॉ. दिव्या मोंगा, एनएसएस प्रभारी, पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-11, चंडीगढ़ ने छात्रों के योगदान पर बहुत गर्व व्यक्त किया।