परिजनों ने पीजीआई को दान की रोशनलाल की देह
रोहतक, 25 सितंबर (हप्र)
डीएलएफ काॅलोनी निवासी करीब 74 वर्षीय स्व. रोशनलाल जीते जी तो मानवता की सेवा के लिए कार्य करते ही रहे, दुनिया से जाने के बाद भी वह देहदान कर एक मिसाल कायम कर गए। रोशनलाल के परिवार ने मरणोपरांत बुधवार को उनका शरीर पीजीआईएमएस के एनाटॉमी विभाग में छात्रों की रिसर्च के लिए दान किया। देहदान की इंचार्ज डॉ. आरती ने स्व. रोशनलाल का शरीर दान करने के लिए उनके परिजनों का आभार जताया और उन्हें याद स्वरूप एक पौधा भेंट किया। डॉ. आरती ने कहा कि हमें मरने के बाद भी अपनी यादें छोडनी हैं तो अपनी आंखें दान करनी चाहिए क्योंकि जिन लोगों को आपकी आंखें लगेंगी वे ताउम्र आपके आभारी रहेंगे। डॉ. कमल ने बताया कि स्व. रोशनलाल के बेटे आशीष व पुत्रवधू ममता ने अपने पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए आज पीजीआई में बच्चों की रिसर्च के लिए उनका शरीर दान किया है। स्व. रोशनलाल के बेटे आशीष ने बताया कि उनके पिता भिवानी से 1999 में स्टेट बैंक से हेड क्लर्क के पद से रिटायर हुए थे। 22 अप्रैल 2019 को उन्होंने अपना शरीर पीजीआई में दान करने के लिए फार्म भरा था, जिसे आज उन्होंने दान कर अपने पिता के सपने को पूरा किया। उन्होंने बताया कि उनकी माता मूर्ति देवी ने भी अंगदान का फार्म भर रखा है।