श्रेष्ठता का धर्म
एक बार धार्मिक चर्चा पर लोग अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। एक व्यक्ति बोला, ‘मेरा तो यही मानना है कि सबसे अच्छा धर्म केवल ईसाइयों का है। ईसाई धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जहां पर आधुनिकता एवं परंपरा का मिला-जुला परिवेश देखने को मिलता है।’ सभी ने उन व्यक्ति की हां में हां मिलाई। केवल एक शांत से दिखने वाले व्यक्ति ऐसे थे जो धर्म पर अपना कोई मत प्रकट नहीं कर रहे थे। लोगों ने उनसे पूछा, ‘आप भी तो अपना मत रखिए कि आपकी धर्म के बारे में क्या राय है?’ व्यक्ति बोला, ‘देखिए मैं आप की तरह किसी संप्रदाय को श्रेष्ठ या अनुचित बताने में विश्वास नहीं रखता। मेरा सरल-सा तर्क यह है कि मैं उस समय अच्छा महसूस करता हूं जब कोई अच्छा कार्य करता हूं और उस वक्त बुरा महसूस करता हूं जब कोई गलती करता हूं। बस यही मेरा धर्म है। इसलिए मैं आप लोगों के बीच में चुप बैठा था।’ यह सुनकर वहां उपस्थित लोगों के चेहरे नीचे झुक गए। ये शांत से दिखने वाले व्यक्ति थे-अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति-अब्राहम लिंकन।
प्रस्तुति : रेनू सैनी