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असमंजस की कीमत

06:41 AM Nov 30, 2024 IST
असमंजस की कीमत
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दो बीज उपजाऊ मिट्टी में आसपास पड़े थे। पहले बीज ने कहा, ‘मैं उगना चाहता हूं। मैं अपनी जड़ें जमीन की गहराई में भेजना चाहता हूं और अपने अंकुरों को जमीन की परत के ऊपर धकेलना चाहता हूं।’ वह बीज उग गया। दूसरे बीज ने कहा, ‘मुझे डर लग रहा है, अगर मैंने अपनी जड़ें जमीन के नीचे भेजीं, तो न जाने अंधेरे में वहां क्या मिलेगा? अगर मैंने अपने ऊपर की कठोर जमीन में अपने अंकुर उगाए तो हो सकता है कि मेरे नाजुक अंकुरों को नुकसान हो जाए। अच्छा यही रहेगा कि मैं सब कुछ सुरक्षित होने तक यहीं इंतजार करूं।’ वह बीज इंतजार करता रहा। एक दिन एक चिडि़या ने उसे खा लिया। सुरक्षित होने की चाहत में उसने अपना जीवन गंवा दिया।

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प्रस्तुति : रेनू शर्मा

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