फर्जी एनओसी 5 डाॅक्टरों का पंजीकरण रद्द, एफआईआर के आदेश
चंडीगढ़, 26 नवंबर (ट्रिन्यू)
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने 5 डाॅक्टरों का पंजीकरण रद्द कर दिया है, जबकि दो अन्य की रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी सात आरोपी डाक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। हरियाणा मेडिकल काउंसिल की तरफ से मंगलवार को इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल और डा. कुलदीप को भी पत्र लिखकर जानकारी दी गई है।
काउंसिल ने यह जांच स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के निर्देश पर शुरू की है। जांच के दौरान काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचने वाली हर एनओसी की सत्यता का पता लगाया जाता है, जिसके बाद ही चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। हरियाणा मेडिकल कांउसिल के रजिस्ट्रार मनदीप सचदेवा ने बताया कि जिन पांच डॉक्टरों ने फर्जी एनओसी के बल पर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल के पास आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें डॉ. प्रवेश कुमार ने फर्जी एनओसी दी थी, जिसकी मध्य प्रदेश से सत्यता पता लगाई गई। मध्य प्रदेश ने यह एनओसी फर्जी होने की बात कही। इसी तरह से डॉ. अंकित त्यागी की फर्जी एनओसी को पता लगाने के लिए एमएमयू मुलाना भेजा गया था। जहां से उसके फर्जी होने का पता चला। डॉ. शत्रुघ्न यादव की एनओसी को मध्य प्रदेश ने फर्जी बताया है। डॉ. प्रदीप जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है।
फर्जी डिग्री मतलब फर्जी डॉक्टर
काउंसिल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी की एनओसी फर्जी पाई जाती है तो एक तरह से वह फर्जी डॉक्टर ही होता है। काउंसिल आगे इस निष्कर्ष तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे गलत लोगों को फर्जी एनओसी कौन जारी करता और इसमें कौन लोग शामिल हैं। जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।