जीत के टूटे रिकॉर्ड, इंदौर के लालवानी सबसे आगे
नयी दिल्ली, 4 जून (एजेंसी)
भाजपा के चार उम्मीदवारों सहित कम से कम पांच राजनेताओं ने लोकसभा चुनावों में जीत के अंतर के पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त
कर दिये।
इंदौर के मौजूदा सांसद शंकर लालवनी सबसे बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों में सबसे आगे रहे। लालवानी ने 11.75 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की। वहीं, असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के रकीबुल हुसैन की जीत का अंतर 10.12 लाख से ज्यादा रहा। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से 8.21 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीते। भाजपा की गुजरात इकाई के नेता सीआर पाटिल ने नवसारी सीट 7.73 लाख और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर सीट 7.44 लाख वोटों के अंतर से अपने नाम की।
इससे पहले, सबसे ज्यादा अंतर से जीत का रिकॉर्ड भाजपा के प्रीतम मुंडे के नाम था, जिन्होंने 2014 में महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट पर उपचुनाव में 6.96 लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। नवसारी से तीन बार सांसद रहे पाटिल ने 2019 लोस चुनाव में 6.89 लाख मतों से जीत हासिल कर दूसरे सबसे ज्यादा अंतर से जीत का रिकॉर्ड बनाया था।
नोटा ने भी रचा इतिहास
इंदौर में इस बार ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) को 2,18,674 वोट हासिल हुए और यह भी एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। इससे पहले बिहार के गोपालगंज में नोटा को सबसे ज्यादा 51,864 वोट प्राप्त हुए थे। इंदौर में कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की थी कि ईवीएम पर ‘नोटा’ का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं।