पाठकों की राय
अपूरणीय क्षति
अट्ठाईस दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘एक युगीन राजनेता’ डॉ. मनमोहन सिंह के विगत जीवन के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करने वाला था। देश में आर्थिक सुधार करके न केवल देश का विकास किया बल्कि दुनिया को भी नई राह दिखाई। आदर्श व्यक्तित्व के धनी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने सभी सवालों का जवाब सरलता से संवाददाताओं को दिया। मनरेगा, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार आदि कई योजनाएं लागू कीं। उनके निधन से देश ने एक आर्थिकी को संबल देने वाला अर्थशास्त्री खो दिया।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
सकारात्मक हो परिवर्तन
नववर्ष की शुरुआत शुभकामनाओं के साथ करते हुए स्वार्थी, संकीर्ण और नकारात्मक सोच बदलने की आवश्यकता है। एडिथ पीयर्स के अनुसार, नववर्ष एक खाली पन्ना है, जिस पर हम अच्छे परिवर्तन के लिए सही कदम उठा सकते हैं। यदि हम अपनी बुराइयों को दूर करें, गलत चीजों का विरोध करें और समाज में जागरूकता बढ़ाएं, तो समाज और देश में बदलाव आएगा। स्वार्थ और नकारात्मकता को त्याग कर ही हम राष्ट्र को आगे बढ़ा सकते हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
संस्कार और मार्गदर्शक
हरियाणा के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश में पांचवीं तक के बच्चों को होमवर्क के अलावा परिवार के सदस्यों के साथ नैतिक मूल्यों का ज्ञान हासिल करना सराहनीय कदम है। बड़ों के साथ बैठना, उनके अनुभवों को साझा करना, किस्से कहानियां सुनना, अपनी संस्कृति और संस्कारों से रूबरू होना, उन्हें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करेगा। इससे बच्चों को लेखन कार्य की बोरियत से राहत भी मिलेगी और बड़ों के सान्निध्य में सही मार्गदर्शन भी।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली