संस्कृति संरक्षण, व्यवसाय का संगम है रत्नावली : प्रो. रेड्डी
विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 25 अक्तूबर
हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण व युवाओं को व्यवसाय से जोड़ने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का रत्नावली महोत्सव बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस महाकुंभ में जहां युवा पीढ़ी अपनी धरोहर व संस्कृति से रूबरू हो रही है, वहीं युवा अपने स्वयं के उत्पादों को क्राफ्ट मेले में प्रदर्शित कर स्वावलम्बी भारत का सपना साकार कर रहे हैं। ये विचार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के निदेशक प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 37वें राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहुंचने पर प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी, विशिष्ट अतिथि केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल व राष्ट्रपति अवार्डी प्रेम देहाती का कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने ढोल-नगाड़ों व हरियाणवी लोकधुनों के साथ स्वागत व अभिनंदन किया। इसके बाद सभी अतिथियों व अधिकारियों ने सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से महोत्सव का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि रत्नावली महोत्सव 1985 में 8 विधाओं व 300 कलाकारों के साथ आरंभ हुआ था और यह यात्रा अब 34 विधाओं और 3000 से अधिक युवा कलाकारों के साथ हरियाणवी संस्कृति को देश-विदेश में समृद्ध करने के साथ एक नयी पहचान भी दिला रही है। उन्होंने कहा कि रत्नावली महोत्सव ने देश को कई बड़े कलाकार दिए हैं। इसी मंच से महान गजल गायक जगजीत सिंह, प्रसिद्ध कलाकार यशपाल शर्मा, मेघना मलिक सहित अन्य बड़े कलाकार निकले हैं। शुभारम्भ अवसर पर पानीपत की छात्रा हिती ने वेलकम हरियाणा व एसडी कॉलेज, पानीपत के छात्रों ने हरियाणा के पारंपरिक लोकनृत्य लूर की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति अवार्डी प्रेम देहाती ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने इस महोत्सव में उन जैसे कलाकार को जो सम्मान दिया है, वह उसको कभी भुला नहीं सकते। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने रत्नावली महोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि किस प्रकार चार दिनों तक रत्नावली महोत्सव चलेगा। इस अवसर पर कविता रेड्डी, डॉ. ममता सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चैधरी, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. जगदीश गुप्ता, निदेशक प्रो. विवेक चावला, प्रो. रमेश भारद्वाज, प्रो. सुनील ढींगरा, प्रो. अनिल वोहरा, निदेशक लोक सम्पर्क प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. रीटा दलाल, प्रो. कुसुम लता, प्रो. जसबीर ढांडा, प्रो. अमीषा सिंह, लोक सम्पर्क विभाग की उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ.हरविन्द्र राणा, डॉ. ज्ञान चहल, धमेन्द्र डांगी सहित शिक्षक, विद्यार्थी व कलाकार मौजूद थे।
समारोह को उस समय चार चांद लगे जब मुख्य अतिथि प्रो. बीवी रमन्ना रेड्डी ने प्रसिद्ध गीत ‘’आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं एक ऐसे गगन के तले, जहां गम भी न हो, आंसू भी न हो, बस प्यार ही प्यार पले, एक ऐसे गगन के तले’’ गाकर युवाओं में जोश भरने का काम किया। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति अवार्डी प्रेम देहाती ने ‘’चार दिन की चमक चांदनी, कर ले जो करना, चार दिन की चमक चांदनी, कर ले जो करना, फेर बुढापा होये होये, फेर बुढापा बैरी आवेगो’’ प्रसिद्ध लोकगीत गाकर दर्शको की खूब वाह-वाही लूटी। महोत्सव-2024 में धरोहर हरियाणा संग्रहालय के सौजन्य से हरियाणा के समृद्ध किसान परिवार की झांकी प्रस्तुत की गई। इसके माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी के जन्म पर छठी मनाओ एवं हम विश्वास दिलाते हैं पराली न जलाने की कसम खाते हैं, का महत्वपूर्ण एवं आधुनिक संदेश देने का कार्य किया। धरोहर से डॉ. कुलदीप सिंह आर्य ने खीर, बाकली, गुड़, शक्कर से अतिथियों का मुंह मीठा करवाया।
सांग तथा अन्य कार्यक्रमों में रही भीड़
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शुरू हुए रत्नावली समारोह ने कई मंचों पर अपनी विभिन्न प्रस्तुतियां दी और दर्शकों विशेषकर विद्यार्थियों ने कभी किसी मंच पर तो कभी मंच पर पंहुचकर कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया। समारोह में बाहरी दर्शक विशेषकर बुजुर्ग भी पंहुचे हुए थे। समारोह के उद्घाटन पर जहां सभागार में भीड़ रही वहीं हरियाणवी कला संस्कृति परपंरा को वर्षों से संजाये रखने वाली रत्नावली समारोह के पहले दिन खुला मंच पर हरियाणवी सांग प्रतियोगिता का जोरदार प्रदर्शन हुआ। मंच पर राजा हरिश्चंद्र की कथा प्रस्तुति की। एक मंच पर सांग का आयोजन हुआ। सांग प्रतियोगिता की शुरू होने के 2 घंटे पहले से ही मंच के आसपास दर्शकों की भीड़ उमड़ गई जिसमें ज्यादातर दर्शक हरियाणा के बुजुर्ग और नौजवान युवक थे। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के उप-निदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने बताया कि क्राफ्ट मेले में 54 स्टाल लगाए गए हैं। क्राफ्ट मेले में ललित कला विभाग के 135 छात्र 13 स्टालों पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। रत्नावली महोत्सव में युवा गायकों की कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ओपन एयर थिएटर में रागनी प्रतियोगिता आयोजित हुई। ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित हरियाणवी रीति रिवाज (रिचुअल) प्रतियोगिता में हरियाणवी रीति-रिवाजों ने सबका मन मोह लिया। शादी से पहले की रस्म “खोड़िया” का प्रदर्शन किया गया। “भात” रस्म का सुंदर प्रदर्शन किया गया।