राठी मर्डर केस : विपक्ष ने खोला मोर्चा, हुड्डा बोले- अपराध में हरियाणा तीसरे नंबर पर
चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा में कानून व्यवस्था तथा इनेलो प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के मर्डर मामले को लेकर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने इस हत्याकांड को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस के काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा गृह मंत्री अनिल विज के बीच आंकड़ों को लेकर तीखी बहस भी हुई। सीएम मनोहर लाल ने हस्तक्षेप करते हुए कांग्रेस को तुलनात्मक आंकड़ों को सुनने की नसीहत दी। हुड्डा ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सभी को प्रदेश को सुरक्षित बनाने के लिए काम करना होगा। अगर प्रदेश में कानून व्यवस्था की यह स्थिति रही तो यहां कोई निवेश नहीं करेगा। प्रदेश का विकास रूक जाएगा। एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए हुड्डा ने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में हरियाणा देशभर में तीसरे नंबर पर है। विज ने जब कांग्रेस सरकार के 2005 से 2014 तक के क्राइम के आंकड़ों को सदन में रखा तो विवाद गहरा गया।
विज ने पूर्व की इनेलो सरकार के समय के आंकड़ों की तुलना हुड्डा सरकार के कार्यकाल से की। इस पर हुड्डा ने चुनौती देते हुए कहा, अगर तुलना ही करनी है तो 2014 की एनसीआरबी और 2023 की रिपोर्ट की तुलना करें ले, सच्चाई पता लग जाएगी कि क्राइम बढ़ा है या कम हुआ है। हुड्डा ने किसान आंदोलन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि एक किसान की मौत हो गई और सीमा विवाद के चलते पोस्टमार्टम नहीं हुआ। इस बात पर मंथन करने की जरूरत है कि पुलिस सुस्त क्यों हो गई है।
कांग्रेस विधायकों ने काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए आरोप लगाया कि हरियाणा प्रदेश सबसे असुरक्षित राज्यों की श्रेणी में आ गया है। इसके लिए राज्य सरकार और पुलिस अधिकारी जिम्मेदार हैं, जो बदमाशों व गुंडागर्दी पर अंकुश नहीं लगा सके हैं। कांग्रेस विधायकों ने एक सुर में कहा कि नफे सिंह राठी की हत्या एक राजनीतिक कत्ल है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। पहले भी विधायकों को जान से मारने की धमकियां मिलती रही हैं। राठी की हत्या को अगर गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में न जाने किस नेता या विधायक के साथ भी ऐसी वारदात घट जाए।
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता चौधरी आफताब अहमद ने नूंह में पिछले दिनों हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए सरकार ने निर्दोष लोगों पर भी मुकदमे दर्ज करवा दिए। राज्य में अगर अपराध बढ़ रहे हैं तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। एनआईटी फरीदाबाद के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार का पूरा ध्यान अपराध रोकने की बजाय विधायकों की जासूसी कराने की तरफ है। रोहतक के विधायक बीबी बतरा ने सवाल उठाया कि आज ही सरकार ने 10 डीएसपी को आरटीए लगा दिया है। जब पुलिस से गैर-पुलिस के काम लिए जाएंगे तो अपराध बढ़ेंगे। बेरी के विधायक डॉ़ रघबीर कादियान ने कहा कि बढ़ते अपराध से राज्य में निवेश आना बंद हो जाएगा। खरखौदा के विधायक जयवीर वाल्मीकि ने कहा कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बदमाशों से कह दिया था कि या तो प्रदेश छोड़ दें या अपराध छोड़ दें। ऐसी दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। गोहाना के विधायक जगबीर मलिक ने राज्य में गृह विभाग का बजट नहीं बढ़ाए जाने पर सवाल उठाए। रेवाड़ी के विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि राठी हत्याकांड की सीबीआई जांच जरूरी है। महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह ने आरोप लगाया कि अपराधों के मामले में हरियाणा अब बिहार बन चुका है। बादली के विधायक कुलदीप वत्स ने व्यापारियों को मिली धमकियों का मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए कहा कि राजनीतिक व्यक्तियों की जब हत्या हो सकती है तो आम आदमी के सुरक्षित रहने का सवाल ही नहीं रह जाता। असंध विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सारी पुलिस किसानों के पीछे पड़ी है। जब नफे सिंह राठी की हत्या हुई, तब सीएम झज्जर में ही थे। थाने खाली होंगे तो अपराधियों के हौसले ही बढ़ेंगे। झज्जर की विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में व्यापारी, किसान और आम लोग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। नारनौंद के जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने सदन में कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब सीएम बने थे, तब उन्होंने कई बदमाशों पर कार्रवाई की, लेकिन कुछ समय बाद वे भी चुप बैठ गए।
गृहमंत्री विज ने कहा- मौजूदा सरकार में सुधरी कानून और व्यवस्था
विज ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को सही बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी है तथा अपराध कम हुए हैं। कांग्रेस राज में बढ़े अपराधों को हमने रोकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और जांच के संबंध में कई पहलुओं के बारे में वे सदन को नहीं बता सकते, लेकिन इस हत्याकांड की गहनता से पड़ताल की जा रही है। इस हत्याकांड में नफे सिंह राठी के भतीजे द्वारा राजनीतिक लोगों के खिलाफ एफआईआई दर्ज करवाई है। आंकड़े साझा करते हुए विज ने कहा, 2005 में हत्या के 784 मामले थे जो 2014 में बढ़कर 1106 हुए। डकैती के आंकड़े वर्ष 2005 में 88 थे, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 172 हो गए। इसी तरह लूटपाट, छीनाछपटी, दुष्कर्म, महिलाओं के विरूद्ध अपराध, बच्चों के अपहरण सहित सभी प्रकार के अपराध में कांग्रेस सरकार के दौरान इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हत्या के मामलों में जांच दर 90.90 प्रतिशत, अपहरण में 87 प्रतिशत, डकैती में 89 प्रतिशत, लूटपाट में 78 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 98.30 प्रतिशत तथा दुष्कर्म में 99.70 प्रतिशत है।
विकास में पिछड़ रहा राज्य : किरण चौधरी
पूर्व मंत्री एवं तोशाम विधायक किरण चौधरी ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सरकार को घेरा। उन्होंने कानून व्यवस्था से लेकर अवैध माइनिंग, खेल स्टेडियमों का निर्माण न होने, कृषि सहित अनेक मुद्दे उठाए। किरण ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। माइनिंग घोटाला, पेपर लीक, एक्साइज स्केम, सहकारिता घोटालों ने प्रदेश सरकार की पोल खोल रखी है। चौधरी ने कहा कि पुलिस फोर्स का दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस फोर्स को किसानों को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि उसका उपयोग अपराध रोकने में होना चाहिए। हरियाणा कौशल रोजगार निगम में युवाओं के साथ छलावा हो रहा है।
महेंद्रगढ़-नारनौल में 4 वर्ष में अवैध खनन के दर्ज हुए 269 केस
हरियाणा में पिछले चार वर्षों के दौरान महेंद्रगढ़-नारनौल क्षेत्र में अवैध खनन के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इस अवधि में अवैध खनन के आरोप में 269 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। सभी मामलों में अभी तक जांच चल रही है। हरियाणा विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक बीबी बतरा ने डाडम, तावड़ू, नूंह, नारनौल और भिवानी में हुए अवैध खनन तथा इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी। इसके जवाब में खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि पहले जमा हुआ रेत केवल नदी के किनारे वाले क्षेत्रों तक सीमित है। नूंह, भिवानी और चरखी-दादरी जिलों में न तो कोई नदी है और न ही रेत के भंडार वाला कोई कृषि क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़-नारनौल जिले में वर्ष 2019 से लेकर अब तक रेत के अवैध खनन के कुल 489 मामले सामने आए। जिसमें 269 एफआईआर दर्ज करके पांच करोड़ 23 लाख 29 हजार 228 रुपये का जुर्माना वसूला गया है।